कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
1. यह हरा ठिगना चना बाधे मुरेठा शीश पर छोटे गुलाबी फूल का सज कर खड़ा था I - यहाँ हरे चने के पोधे का छोटे कद के मनुष्य जो कि गुलाबी रंग की पगंडी बाधे खड़ा था I
2. पास ही मिल कर उगी है बिचमे अलसी हठीली I देह की पतली कमर की है लचीली, नील फूले फूल को सिर पर चढ़ाकर कह रही थी जो छुए यह दू ह्रदय का दान उसको I
- यहाँ अलसी के पोधे को हठीली तथा रमणीय स्त्री के रूप में प्रस्तुत किया था I
3. और सरसों की न पूछो हो गई सबसे सयानी हाथ पीले कर लिए थे ब्याह मंडप में पधारी I
- यहाँ सरसों के पोधे को एक नायिका के रूप में प्रस्तुत किया गया था जिसका व्याह होने वाला था I
4. है कई पत्थर किनारे पी
रचुपचाप पानी
- यहाँ पत्थर जेसे निर्जीव वस्तु को
भी मानवीकरण के द्वारा जीवित
प्राणी के रूप में प्रस्तुत किया गया
था I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 9 Hindi - Kshitij - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 7: kavi ne prakrti ka maanaveekaran kahaan-kahaan kiya hai? - कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ क....
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