nirmala-putulWHERE cd.courseId=2 AND cd.subId=35 AND chapterSlug='nirmala-putul' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='2' AND subId='35' AND chapterId='1172' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 11 Free NCERT Book Solution for Hindi - Aroh

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Chapter 20 : Nirmala Putul


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Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

माटी का रंग प्रयोग करते हुए कवयित्री ने अपनी मूल पहचान को बनाए रखने की और संकेत किया था इस कविता में कवयित्री ने माटी का रंग प्रयोग से स्थानीय सथाली लोकजीवन की विशेषता को उजागर करने का प्रयास किया था वे चाहती थी कि यहाँ के लोग भोलापन और जुझारूपन आदि को बचाए रखते थे I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

सथाली आदिवासियों की भाषा सथाली थे वे दैनिक व्यवहार में जिस सथाली भाषा से यह पता लग जाता था कि वे झारखड की पहचान झलकती थी उनकी भाषा से यह पता लग जाता था कि वे झारखड राज्य के निवासी थे I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

दिल के भोलेपन में सहजता सचाई और ईमानदारी का भाव था अक्खडपन से अभिप्राय अपनी बात पर अड़े रहने का भाव था ओए जुझारूपन से तात्पर्य सघर्षशीलता था कवयित्री कहते थे कि हमेशा दिल का भोलापन ठीक नहीं था भोलेपन का फायदा उठानेवालो के साथ अक्खडपन भी दिखाना जरुरी था I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

आदिवासी समाज अपने स्वाभाविक जीवन को भूलता जा रहा था प्रस्तुत आदिवासी समाज की कुछ ऐसी ही बुराईओ की और सकेत करती थी
1. आदिवासी समाज शहरी प्रभाव में आते चले जाते थे I

2. इनके जीवन में उत्साह का अभाव और काम के प्रति अरुचि होती जा रही थी I                                    
3. इनमे शराबखोरी के साथ अविश्वास की भावना भी बढती जाती थी I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

प्रस्तुत पक्ति से कवयित्री का आशय यह था कि आज के इस अविश्वास भरे दोर में अभी भी आपसी विश्वास उम्मीदे और सपने बचाए जा सकते थे इन सभी सामूहिक प्रयासो से बचाया जा सकता था I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

(क) इन पक्तियों के द्वारा कवयित्री ने आदिवासी समाज दिनचर्या में आई ठडक की और इशारा किया था कवयित्री ने दिनचर्या की नीरसता को दूर कर गर्माहट अथार्त उमग उत्साह और क्रियाशील की आवश्यकता पर बल दिया था I                                                                       
(ख) प्रस्तुत पक्तियों के जरीए कवयित्री का आशय यह था कि आज के इस अविश्वास भरे दोर में अभी भी आपसी विश्वास उमीदे और सपने बचाए जाते थे I थोडा -सा थोड़ी – सी थोड़े – से तीनो प्रयोग से थोड़े – से अंतर के साथ एक अर्थ के वाहक थे इनके कारण लय का समावेशसा प्रतीत होता था I


Exercise 1 ( Page No. : 183 )
Q:
A:

बस्तियों को शहर की नग्नता और जडता से बचाने की आवश्यकता थी शहरी वातावरण में एकाकी जीवन अलगाव , व्यस्तता अदि के साथ पर्यावरणीय प्रदुषण भी एक बहुत बड़ी समस्या थी यदि बस्तियाँ भी इस प्रभाव को ग्रहण करने लगेगी टो बस्तियों में सांस्कृतिक और पर्यावरणीय प्रदुषण फेलाता I