ateet-mein-dabe-paanvWHERE cd.courseId=3 AND cd.subId=58 AND chapterSlug='ateet-mein-dabe-paanv' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='3' AND subId='58' AND chapterId='1082' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
At Saralstudy, we are providing you with the solution of Class 12 Hindi - Vitan Ateet Mein Dabe Paanv according to the latest NCERT (CBSE) Book guidelines prepared by expert teachers. Here we are trying to give you a detailed answer to the questions of the entire topic of this chapter so that you can get more marks in your examinations by preparing the answers based on this lesson. We are trying our best to give you detailed answers to all the questions of all the topics of Class 12 Hindi - Vitan Ateet Mein Dabe Paanv so that you can prepare for the exam according to your own pace and your speed.
सिन्धु सभ्यता एक साधन सम्पन नगरीय सब्यता है परन्तु उसमे राजसता या धर्मसता के चिंह नहीं मिलते थे वहा की नगर योजना में वास्तुकला मुहरो , टप्पो , जल व्यवस्था , साफ़ सफाई और सामाजिक व्यवस्था आदि की एकरूपता द्वारा उनमे अनुशासन देखा जाता था आडबर नहीं यहा पर सब कुछ आवश्यकताओं से जुड़ा था I
सिन्धु घाटी के लोगो में कला या सुरुचि का भरपूर ज्ञान एव समझ है जिसकी छवि उनके दैनिक जीवन से सबधित वस्तुओ से होती थी वास्तुकला या नगर नियोजन ही नहीं धातु और पत्थर की मूर्तियों उन पर वनस्पति और पशु पक्षियों की छविया आभूषण और सबसे ऊपर सुघड़ अक्षरों का लिपिरूप सिन्धु सभ्यता की तकनीकी जाहिर करता था I यहा आम आदमी के दैनिक जीवन में काम आने वाली चीजों को सलीके से बना देते थे I
हड़प्पा संस्कृति में न भव्य राजप्रसाद थे न मंदिर न राजाओ महतो की समाधिया यहा के मूर्तिशिल्प छोटे थे और ओजार भी मुअनजो दड़ो नरेश के सिर पर रखा मुकुट भी छोटा था दूसरी जगहों पर राजतत्र या धर्मतत्र की ताकत का प्रदर्सन करने वाले महल उपासना स्थल मुर्तिया और पिरामिड आदि थे यहा आम आदमी के काम आने वाली चीजों को सलीके से बनाया था I
इस कथन से लेखक का आशय थे कि इन टूटे फूटे घरो की सीढयो पर खड़े होकर आप विशव की विकसित है सिन्धु सभ्यता के दर्शन करते थे क्योकि सिन्धु सभ्यता विशव की महान सभ्यताओं में से एक है जो सबसे अधिक उन्नत और विकसित है सिन्धु सभ्यता आडबररहित एव अनुशासनप्रिय था I इसकी नगर योजना अदितीय था I जिसने भविष्य के लिए आदर्श प्रस्तुत करता था I
यह सच है कि टूटे फूटे खडहर सभ्यता और संस्कृति के इतिहास के साथ साथ धडकती जिंदगियो के अनछुए समयों के दस्तावेज थे उसका निर्माण और विस्तार किया था I आज भी हम किसी भी मकान की देहरी पर पीठ टिकाकर सुस्ता सकते थे ऐसा प्रतीत होता था I
इस बार छुटियो में हम हेदराबाद गये वहा के ऐतहासिक रमणीय स्थलों में से एक हेदराबाद शहर का चारमीनार हमेशा हमारी यादो में बसा रहता हेदराबाद शहर प्राचीन और आधुनिक समय का अनोखा मिश्रण थे जो देखने वालो को 400 वर्ष पुराने भवनों की भवयता के साथ आपस में सटी आधुनिक इमारतो का भी दर्शन करता था I चार मीनार 1591 में शहर के मोह्मदद कुली क़ुतुब शाह द्वारा बनवाई गई बहत वास्तुकला का एक अनुपम नमूना था I
1.प्रत्येक घर में एक स्नानघर है घर के भीतर से पानी या मेला पानी नालियों के माध्यम से बाहर होदी में आता है और फिर बडी नालियों में चला जाता है कही कही नालिया ऊपर से खुली है परन्तु अधिकतर नालिया ऊपर से बद थी I
2. इनकी जलनिकासी व्यवस्था बहुत ही उचे दर्जे की है जो आज दिकायी नहीं पड़ती है उससमय के लोगो में इसकी जागरूकता है वे सफाईपसंद थी I
3. नगर में पीने के पानी के लिए कुओ का व्यापक प्रबध था ये कुए पक्की ईटो के बने थे अकेले मुअनजो दड़ो नगर में सात सों कुए थे I
4. यहा का महाकुड लगभग चालीस फुट लम्बा और पच्चीस फुट लम्बा और पच्चीस फुट चोडा था ये पक्की ईटो से बना था जिसमे जलनिकास के लिए नालिया थी I
our expert will give the answer soon