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Welcome to the Chapter 2 - Abhinishkraman, Class 8 Hindi - Sanshipt Budhcharit NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 2 - Abhinishkraman. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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सिद्धार्थ को निर्वाण के विषय में पहली प्रेरणा उनके वन भ्रमण के दोरान मिली जब वह वन के भ्रमण पर थे तब अचानक उनके एक भिक्षु के रूप में पुरुष दिखाई दिया सिद्धार्थ के पूछे जाने पर कि वह कोन है भिक्षु ने उत्तर दिया कि में मोक्ष की खोज में निकला एक सन्यासी हु I
राजकुमार ने तपोवन ना जाने के लिए राजा के समक्ष कुछ असभव शर्ते रखी थी जो कि निम्नलिखित है – 1. मेरी मृत्यु ना हो , 2. में सदा रोगमुक्त रहू 3. मुझे कभी बुढ़ापा ना आए और 4. मेरी सपति सदा बनी रहे I
छदक घोड़ो का देखभाल करने वाला अथवा अश्रवरक्षक था सिद्धार्थ ने छदक को नीद से इसलिए जगाया क्योकि उन्हें ग्रहस्थ जीवन त्याग कर मोक्ष की प्राप्ति के लिए वन जाना था सिद्धार्थ को छदक का पूरा विश्वास था कि वह उनसे बिना कुछ सवाल किए उनकी आज्ञा का पालन करेगा I
सिद्धार्थ ने अलग होने पर छदक और कंथक बड़े ही दुखी और व्याकुल थे कन्थक की आखो से भी आँसू आ रहे है दोनों विरह के शोक के अंत्यत दुखी थे जो रास्ता छदक ने सिद्धार्थ को वन ले जाने के वक्त एक रात में पूरा किया था उसी रास्ते पर वापस राजमहल जाने में छदक कुछ देर के लिए भूमि पर अचेत अवस्था में गिर पडा था I
तपोवन ने सिद्धार्थ तपस्वियों से कहा कि आप सबका धर्म स्वर्ग के लिए है और मेरी इच्छा मोक्ष की है इसलिए मेरा इस जगह पर कुछ काम नही था मुझे भी आप सब लोगो से बिछड़ते हुए बहुत दुःख
हो रहा था परंतु मेरा यहाँ से जाना जरूरी था I
जब राज मत्री ने सिद्धार्थ से धर्म के नाम पर वन से घर लोट जाने को कहा साथ ही साथ भगवान राम और शाल्व के उदहारण भी दिये तो सिद्धार्थ ने साफ़ साफ़ कहा की उन्हें सुनी सुनाई बातो पर बिल्कुल यकीन होता था वह उन्ही बातो पर विश्वास करते है जो उन्होंने अनुभव की है और जो वह अपने तप से प्राप्त करेगे वह जलती हुई अग्नि में प्रवेश कर सकते है पर बिना ज्ञान की प्राप्ति किए घर वापस नही जा सकते I
सिद्धार्थ को भिक्षा मागते हुए देखकर बिबसार को दया आ गई और उन्होंने सिद्धार्थ से कहा आधा राज्य कि ही राजकुमार आप मेरा आधा राज्य ले लीजिए और सुख भोगिये आप चाहे तो मेरे सेनिको
की सहायता से शत्रुओ पर आक्रमण करिए और उन पर विजय पाइये
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