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Welcome to the Chapter 3 - Kalloo Kumhaar Ki Unnakoti, Class 9 Hindi - Sanchayan NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 3 - Kalloo Kumhaar Ki Unnakoti. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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त्रिपुरा में एक जगह का नाम उनकोटी का अर्थ होता था एक करोड़ से एक कम इसके बारे में एक दंत कथा प्रसिद्ध थी कि कल्लू नाम का एक कुम्हार है उसने भगवान शिव की भक्ति की भगवान के प्रसन्न होने पर उसने भगवान शिव के साथ कैलाश रहने की मन्नत की इससे बचने के ललिए भगवान शिव ने शर्त रखी थी कि यदि वह एक रात में भगवान शिव की एक करोड़ मूर्तियाँ बना देता है I
पोराणिक कथा के अनुसार श्रषी भागीरथ कठोर तपस्या के बाद गंगा माँ को धरती पर लेकर आए है इस वेग को रोकने के लिए भगवान शिव तैयार हो गए थे और गंगा के वेग को अपनी जटाओ में रोककर कम कर दिया था I
कल्लू कुम्हार भगवान शिव का परम भक्त है और वह उनके साथ कैलाश पर्वत पर जाना है परन्तु
भगवान शिव की शर्त के अनुसार उसे एक रात में शिव की एक करोड़ मूर्तिया बनानी है I
लेखक शूटिंग करने में व्यस्त है इसी समय सी . आर . पी . एफ. के एक जवान ने आकर बताया था कि निचली पहाडियों पर जो दो पत्थर पड़े थे यही दो दिन पहले विद्रोहियों ने एक जवान को मार डाला है इतना सुनकर लेखक का शरीर काँप गया था I
त्रिपुरा में लगातार बाहरी लोग आते रहते थे जिस कारण बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया था यहा उन्नीस अनुसूचित जनजातिया और विश्व के चार बड़े धर्मो का प्रभाव था I
टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय हेमंत कुमार जमातिया जो लोकगायक है और समाज सेविका तथा देखने में साधारण सी ग्रहस्थी मंजु ऋषिदास से हुआ है जो पचायत में अपने वार्ड का प्रतिनिधित करती है I
जिलाधिकारी ने बताया कि किस प्रकार यहा उन्नत किस्म के आलू की खेती की जाती थी बुआई के लिए पारपरिक आलू के बीज की जरूरत दो मीट्रिक टन प्रति हेक्टेयर होती थी I
त्रिपुरा में अनेक प्रकार के घरेलू उदयोग थे जेसे बाँस के खिलोने बनाना अगरबत्ती बनाना गले में पहनने वाली मालाए बनाना था अगरबत्ती के लिए सीको को तैयार करके गुजरात और कर्नाटक भेजा जाता था I
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