इस एकाकी का उद्देश्य समाज में औरतो की दशा को सुधारना व उनको उनके अधिकारो के प्रति जागरूक कराना था यह एकाकी उन लोगो की तरफ अँगुली उठाती थी जो समाज में स्त्रियों को जानवरों या सामन से ज्यादा कुछ नही समझते थे I
इस तरह की तुलना करना बिल्कुल तर्कसंगत नही होता था क्योकि समय के साथ समाज में जलवायु में खान पान में सब में परिवर्तन होता रहता था हर समय परिस्थतिया एक सी नही होती थी I
आधुनिक समाज में सभ्य नागरिक होने के बावजूद उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की खातिर रूढ़िवादी लोगो के दवाब में झुकाना पड़ रहा है I
अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे थे वह सरासर गलत था एक तो वे अपनी पढ़ी लिखी लडकी को कम पढ़ा लिखा साबित कर रहे थे और उसे सुन्दरता को और बढ़ाने के लिए नकली प्रसाधन सामग्री का उपयोग करने के लिए कहते थे I
मेरे विचार से दोनों ही समान रूप से अपराधी थे गोपाल पसाद विवाह जेसे पवित्र बधन में भी बिजनेस खोज रहे थे वे इस तरह के आचरण से इस सम्बन्ध की मधुरता तथा सम्बन्धो की गरिमा को भी कम कर रहे थे I
समाज में आज उमा जेसे व्यक्तित्त्व स्पष्टवादिनी तथा उच्च चरित्र वाली लडकी की ही आवश्यकता थी ऐसी लडकिया ही गोपाल प्रसाद जेसे दोहरी मानसिकता रखने वाली लालची और ढोगी लोगो को सबक सिखा सकते थे I
यह शीर्षक एकाकी की भावना को व्यक्त किया गया था तथा उस पर प्रहार किया था क्योकि रीढ़ शरीर का मुख्य हिस्सा होता था वही उसको सीधा रखने में मदद करता था उसमे लचीलापन होता था जो शरीर को मुड़ने बैठने झुकने कूदने में मदद करता था I इस लचीलेपन के कारण ही शरीर हर कार्य करने में सक्षम था I
कथा वस्तु के आधार में उमा मुख्य पात्र था क्योकि पूरी एकाकी इसके ही इर्द गिर्द घूमती थी भले ही पाठ में उसकी उपसस्थति थोड़े समय के लिए ही थी परन्तु उसके विचारों से प्रभावित थे बिना हम नही रह पाते थे वह हमे बहुत कुछ सोचने के लिए मजबूर करते थे I
रामस्वरूप – आधुनिक और प्रगतिशील विचारधाराओ से सम्पन्न थी परन्तु एक मजबूर पिता था वे एक तरफ तो स्त्री शिक्षा के समर्थक थे परन्तु बेटी के विवाह के समय यही शिक्षा वे छिपाने का प्रयास करते थे जिससे कायरता झलकती थी I
रामगोपाल – रामगोपाल निहायती चालक बडबोले लालची और पढ़े लिखे होने के बावजूद स्त्री पुरुष की समानता में अविश्वास रखने वाले व्यक्ति के रूप में उभरते थे इसी करणवश वे अपने मेडिकल में पढने वाले बेटे का विवाह कम पढ़ी लिखी लडकी से करवाना चाहते थे I