'जाग तुझको दूर जाना' कविता में कवियत्री मानव को किन विपरीत स्थितियों में आगे बढ़ने के लिए उत्साहित कर रही है?
जाग तुझको दूर जाना कविता में कवियत्री का मानव को उत्साहित करने का तथ्य यह था कि वह विपरीत परिस्थतियो में भी आगे बढ़े और उन्होंने इसे निम्नलिखित तरीके से प्रस्तुत किया था –
1. कवयित्री कह रही थी कि हिमालय के ह्रदय में कम्पन था यह भूकप पैदा कर सकता था लेकिन आपको आगे बढ़ते रहना था इस कपंन से डरना नही था I
2. जब प्रलय आता है तो ऐसे वक्त व्यक्ति घबरा जाता था ऐसे में घबराना नही था आगे बढ़ते रहना था I
3. अगर चारो तरफ घना अँधेरा छाया था कुछ दिख नही रहा था तब बि आपको आगे बढ़ते रहना था I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 11 Hindi - Antra - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 1: jaag tujhako door jaana kavita mein kaviyatree maanav ko kin vipareet sthitiyon mein aage badhane ke - 'जाग तुझको दूर जाना' कविता में कवियत....
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