'जाग तुझको दूर जाना' स्वाधीनता आंदोतलन की प्रेरणा से रचित एक जागरण गीत है। इस कथन के आधार पर कविता की मूल संवेदना को लिखिए।
महादेवी वर्मा ने इस कविता में स्वतत्रता के रास्ते में आने वाली कठिनाइयो का वर्णन किया था और भारतीयों के भीतर इन कठिनाइयों से निपटने के लिए गुणों का विस्तार करने की मांग की थी वह मनुष्य को दंड संकल्पित हो जाता था वह अपने आलस्य को दूर करने के लिए प्रेरित होता था कवयित्री इसमें कड़ी मेहनत की गुणवता को विकसित करती थी वह उसे विषम परिस्थति में निडर होकर बढने के लिए कहती थी इस तरह वह उसमे निडरता का गुण समाहित करती थी साथ ही वह उसे अपने लगाव को छोड़ने के लिए कहती थी I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 11 Hindi - Antra - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 5: jaag tujhako door jaana svaadheenata aandotalan kee prerana se rachit ek jaagaran geet hai. is katha - 'जाग तुझको दूर जाना' स्वाधीनता आंदो....
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