भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से ................ गतिशील होते देखा है
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ .................... एक मामूली धोखेबाज़
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल .......................... लिया है हर होड़ से
(क) इन पक्तियों का भाव यह था कि कवि 1947 के बाद के भारत में बहुत से लोगो ने अनेतिकता तथा भ्रटाचार के तरीको का सहारा लेकर अतुलनीय धन कमाया था जब उनसे कोई इस धन के विषय में बातचीत करता था उनका जवाब होता था कि उन्होंने यह धन आत्मनिर्भर तथा गतिशील होकर कमाया था I
(ख) भाव यह था कि भ्रष्ट लोगो को देखकर भी कवि कुछ नही कर पाता था इसलिए वह स्वय को लाचार मानता था परन्तु यदि प्रयास करता था शायद कुछ बदलाव हो सकता है यही कारण था कि वह स्वय को कामचोर कहने से नही हिचकिचता था ईमानदार लोगो की दशा को अनदेखा करने के कारण स्वय को धोखेबाज भी कह डालता था I
(ग) भाव यह था कि कवि के अनुसार ईमानदार लोगो के समक्ष उसका कोई व्यक्तिव नही था वह किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा और टकराव की स्थिति दूर रहना था I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Antra - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 5: bhaav saundary spasht keejie- (ka) 1947 ke baad se ................ gatisheel hote dekha hai ( - भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- (क) 1947 के बाद ....
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