निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-
(क) नत नयनों से लोक उतर
(ख) श्रृंगार रहा जो निराकार
(ग) पर पाठ अन्य यह, अन्य कला
(घ) यदि धर्म, रहे नत सदा माथ
(क) कवि के अनुसार उसकी पुत्री विवाह के समय बहुत प्रसन्न थे नववधू बनी उसकी पुत्री की आँखे लज्जा तथा सकोच के कारण चमक रहा था I
(ख) इसका अर्थ था ऐसा श्रृंगार जो बिना आकार के होता था कवि के अनुसार इस प्रकार श्रृगार ही रचनाओ में अपना प्रभाव छोड़ पाता था I
(ग) इस पक्ति में कवि को अपनी पुत्री को देखकर अभिज्ञान शकुतलम रचना की नायिका शकुलता का ध्यान आ जाता था उनकी पुत्री सरोज का माता विहीन होता था पिता द्वारा लालन पालन करना तथा विवाह में माता के स्थान पर पिता द्वारा के कर्तव्यो का निर्वाह करना शकुतला से मिलता था I
(घ) प्रस्तुत पक्ति में कवि अपने पिता धर्म को निभाने के लिए दंड निश्रयी था वह अपने पिता धर्म का पालन सदा माथा झुकाए करना चाहता था I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 12 Hindi - Antra - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 2 , Question 8: nimnalikhit panktiyon ka arth spasht keejie- (ka) nat nayanon se lok utar (kh) shrrngaar raha - निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट ....
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