(क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
(ख) हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
(घ) एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
(ङ) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
(च) अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
(छ) “नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
(ज) “मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
(क) प्रेम का धागा एक बार टूटने के बाद उसे दुबारा जोड़ा जाता था उसमे गाठ पड जाती थी वह पहले की भाती नही जुड़ पाती थी I
(ख) हमे अपना दुःख दूसरो पर इसलिए प्रकट नही करना चाहिए था क्योकि इससे कोई लाभ नही था अपने मन की व्यथा दूसरो से कहने पर वे उसका मजाक उड़ाते थे I
(ग) रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा था क्योकि छोटा होने के बावजूद भी वो लोगो और जीव जंतुओ की प्यास को तप्त करता था I
(घ) कवि की मान्यता थी कि ईश्वर एक था उसकी ही साधना करनी थी वह मूल था उसे ही सीचना था जेसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते थे I
(ड) जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी इसलिए नही कर पाता क्योकि उसके पास अपना कोई सामर्थ्य नही होता था कोई भी उसी की मदद करता था I
(च) अपने पिता के वचन को निभाने के लिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पडा था I
(छ) कुंडली मारने की कला में सिद्ध कारण उपर चढ़ जाता था I
(ज) मोती का अर्थ था चमक या आब इसके बिना मोती का कोई मूल्य नही था मानुष के पानी का अर्थ मान सम्मान था मनुष्य का पानी अथार्त समान समाप्त हो जाता था उसका व्यर्थ था I
NCERT questions are designed to test your understanding of the concepts and theories discussed in the chapter. Here are some tips to help you answer NCERT questions effectively:
Welcome to the NCERT Solutions for Class 9 Hindi - Sparsh - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 1: ka) prem ka dhaaga tootane par pahale kee bhaanti kyon nahin ho paata? (kh) hamen apana dukh doosar - (क) प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति....
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