jorj-pancham-kee-naakWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=42 AND chapterSlug='jorj-pancham-kee-naak' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='42' AND chapterId='1174' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 10 Free NCERT Book Solution for Hindi - Kritika

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Chapter 2 : Jorj Pancham Kee Naak


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Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

सरकारी तत्र में जार्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर को चिंता या बदहवासी दिखाई देती थी वह उनकी गुलाम और ओपनिवेशिक मानसिकता को प्रकट करता था सरकारी लोग उस जार्ज पंचम के नाम से चिंतित था जिसने न जाने कितने ही कहर बरसाए थे I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

रानी का दर्जी रानी के लिए नई पोशाको को बनाने के लिए परेशान है रानी एलिजाबेथ के दर्जी को भारत पकिस्तान और नेपाल के पहनावे ओढ़ावे या मौसम की कोई जानकारी नही है दरजी यह सोच कर परेशान हो रहा है कि भारत पकिस्तान और नेपाल यात्रा के समय रानी किस अवसर पर क्या पहनेगी रानी की पोशाक उनके व्यक्तित्व से मेल खानी आवश्यक है I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

1. जगह जगह स्वागत द्वारा बनाया गया था I
2. मार्ग पर दोनों देश के ध्वज लहराए गए थे I
3. राजपथ के दोनों और फूल पोधे लगाए गए थे I                                                                4.स्थान स्थान पर फोंजी टुकडिया तेनात की जाती थी I
5. सडको के नाम की पट्टी लगाकर रेलिंग और क्रासिग को रंगीन किया गया था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

(क) आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान पान सबंधी आदतों आदि के वर्णन का दोर चल पडा है वह अनावश्यक था इस तरह की पत्रकारिता राष्ट हित के अनुकूल नही था क्योकि यह पत्रकारिता युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रही थी I

(ख) इस प्रकार की पत्रकारिता पाठको को दिग्भ्रमित करते थे और विशेषकर युवा पीढ़ी प्र नकारात्मक प्रभाव डालती थी इस तरह की पत्रकारिता नोजवान पीढ़ी को नकल करने की शिक्षा देता था यह पीढ़ी अपने सामजिक व्यवहार और लक्ष्य को भूल व्यर्थ की सजावट में समय और धन खर्च करता था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

(क) मूर्ति के पत्थर के प्रकार आदि का पता न चलने पर व्यक्तिगत रूप से नाक लगाने की जिम्मेदारी लेते थे और देश भर के पहाड़ो और पत्थर की खानों का तूफानी दोरा करता था I

(ख) आखिर जब उसे नाक नही मिली थी हताश मूर्तिकार और चिंतित एवम आतकित हुक्मारानो ने जिन्दा इंसान की नाक लगवाने का परामर्श देता था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

1. शंख इंग्लैंड में बज रहा है गूंज हिन्दुस्तान में आ रही है I
2. गश्त लगती रही और लाट की नाक चली जाती थी I
3. सड़के जवान हो गई बुढापे की धूल साफ़ हो जाती थी I
4. एक खास कमेटी बनाई गई थी उसके जिम्मे यह काम दे दिया गया था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

नाक इज्जत प्रतिष्ठा मान मर्यदा और सम्मान का प्रतीक था शायद यही कारण था कि सवाल नाक रगडना आदि था इस पाठ में नाक मान सम्मान व प्रतिष्टा का द्योतक था यह बात लेखक ने विभिन्न बातो द्वारा व्यक्त की थी I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

जार्ज पंचम इग्लेंड का राजा है जिसने भारतीय स्वतत्रता पर बहुत जुल्म ढाए है उसकी लाट की नाक टूट गई है बहुत ढूढ़ने प्र भी किसी भारतीय महापुरुष या स्वतंत्रता सेनानी की नाक फिट न बैठ सकते थे यहाँ लेखक ने भारतीय समाज के महान नेताओ व साहसी बालको के प्रति अपना प्रेम प्रस्तुत किया था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

अखबरो ने यह खबर छापी कि नाक का मसला हल हो जाता था राजपथ पर इंडिया गेट के पास वाली जार्ज पंचम की लाट की नाक लग जाती थी I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

इस कथन के माध्यम से लेखक ब्रिटिश सरकार का भारत में सम्मान को प्रदशित करता था उसने इस कथन में ब्रिटिश सरकार का व्यग्य कसा था एलिजाबेथ एवम प्रिंस फिलिप के आने प्र चालीस करोड़ भारतीयों में से किसी की जिन्दा नाक काटकर जार्ज पंचम की लाट में लगा देने की अपमान जंक बात करना और सोचना गलत था I


Exercise 1 ( Page No. : 15 )
Q:
A:

अखबार उस दिन चुप है ब्रिटिश सरकार को दिखाने के लिए किसी जिन्दा इनसानकी नाक जार् पंचम की लाट की नाक पर लगाना किसी को पसंद नही आता था यदि वे सच छाप देते थे पूरी दुनिया क्या कहती थी I