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Welcome to the Chapter 12 - Kaidee Aur Kokila, Class 9 Hindi - Kshitij NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 12 - Kaidee Aur Kokila. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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कोयल की कूक सुनकर कवि को ऐसा लगता था जेसे कोयल उसके लिए कोई सदेशा लेकर आई थी सन्देश महत्त्वपूर्ण था नही तो कोयल सुबह होने तक का इतजार करती थी I
इन कविता की पक्तियो में कवि ने नो बार काली शब्द का प्रयोग किया था शब्द तो एक ही है परन्तु भिन्न भिन्न अर्थो में इसका प्रयोग किया गया था I
(क) यहाँ कवि कोयल की वेदना पूर्ण आवाज पर अपनी आशका व्यक्त कर रहा था अपनी शेली से
कवि कोयल के कष्ट का अनुमान लगा रहा था I
(ख) प्रस्तुत काव्य पक्तियों में कवि ने अपने तथा कोयल के जीवन की विशेषमाताओ की और सकेत करता था I
यहाँ कोकिला भारत माता का प्रतीक था कोकिला राय के समय नही बोलती थी उसकी आवाज से कवि को वेदना की अनुभूति होती थी कोकिला की आवाज अन्य पक्षियों से अधिक मधुर तथा भिन्न थी I
अगरेज सरकार के लिए स्वतंत्रता सेनानी और अपराधी एक जेसे थे दोनों उनकी व्यवस्था में खलल डालने काम करते है सरकार के लिए दोनों दोषी है सरकार क्रांतिकारीयो की आजादी की माँग को दबाना चाहती है I
1. कोकिला कोई संदेशा पहुचाना चाहती थी I
2. उसने दावानल की लपेट देख ली थी I
3. समस्या अत्यत गंभीर थी इसलिए वह सुबह होने की प्रतीक्षा नही कर पाते थे I
अग्रेजो के शासन की तुलना तम के प्रभाव से की गयी थी क्योकि अगरेज सरकार की कार्य प्रणाली अन्धकार की तरह काली थी I यहाँ अन्धकार का मतलब अन्याय होता था I
कविता के आधार पर हम यह कह सकते थे कि तत्कालीन समाज में अग्रेजो द्वारा भारतीय केदियो को तरह तरह की यातनाए दी जाती थी केदियो से पशुओ की तरह काम करवाया जाता है I
(क) मृदुल वैभव की रखवाली से यहा कवि का तात्पर्य कोयल की मीठी तथा कोमल आवाज से था उसकी आवाज में मिठास होने के बाद भी जब वह वेदना पूर्ण आवाज में चीख उठती थी
(ख) अग्रेजी सरकार कवि से पशुओ के समान परिक्षम करवाते थे परन्तु इससे भी वे दुखी नही होते थे I
अदरात्रि में कोयल के चीखने से कवि को अनेको आदेशे होते थे जेसे शायाद कोयल पागल तो नही हो गई थी
कोयल की स्वतंत्रता से कवि को ईष्या हो रही थी वह आकाश में स्वतत्रता से उड़ान भर रही थी और कवि जेल की काल कोठरी में बंद था I
कवि के पटल पर कोयल के गीतों की कुछ मधुर स्म र्तिया अंकित थी कोयल हरी डाली पर बैठकर अपनी मधुर वैभवशाली आवाज से सम्पूर्ण स्र्ष्ठी को अल्क्रित करती थी I
कवि ने हथकडियागलत काम कर नही फनी थी उन्हें स्वतंत्रता सग्राम में भाग लेने के कारण अगरेज सरकार ने हथकडिया पहनाई थी जो उनके लिए यह गौरव की बात थी I
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