रूप सिंह घर छोड़कर नही गया है बल्कि चुपचाप बिना बताए घर से चला गया है प्राय: लोग नोकरी की पिता भाई को कुछ नही बताया और एक साहब के साथ चला गया था आज वह बहुत वर्षो के बाद घर को लोट रहा है I
1. ग्रेनाइट – यह बहुत सख्त पत्थर होता था इसकी चटान भूरी होती थी लेकिन उसमे गुलाबी आभा होती थी I
2. बसाल्ट- इस पत्थर का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से होता था I
3. बलुआ पत्थर – यह बालू से बना होता था लालकिला आदि इमारते इसी से बनी हुई थी I
4. संगमरमर – यह चूना पत्थर के बदलने से बनता था यह मुलायम होता था I
5. परतदार पत्थर – यह बारीक़ कणों के रुपान्तरित शेलो से बनता था I
महीप जान गया है कि रूप सिंह रिश्ते में उसके चाचा था रूप ने रास्ते में कई बार भूपसिंह और शेला के बारे में बात की है वह कुछ कुछ समझ गया है कि रूप सिंह कोन था वह उसे अपने विषय में बताना नही चाहता है और न ही अपने विषय में कोई करना चाहता है अंत जब भी रूप सिंह महीप से उसके विषय में पूछता है तो वह बात को टाल देता है I
पर्वतीय श्रेत्रों में पहाड़ पर चढना आम बात थी यह उनके देनिक जीवन का भाग था उसके लिए उन्हें किसी तरह की नोकरी आज तक मिलते नही है जब बूढ़े तिरकोल को रूप सिंह ने बताया कि वह शहर में पहाड़ पर चढना सिखाता था तो वह हेरान रह गया था उसे बात की हेरानी है कि रूप सिंह जिस नोकरी की इतनी तारीफ कर रहा था वह बस पहाड़ पर चढना सिखाना था I
रूप सिंह ने पहाड पर अवश्य चढना सिखा है परन्तु उसका चढना भूप सिंह के समान नही है वह रस्सियों तथा अन्य सामान के साथ पहाड़ो पर चढना सीखा है उनके बिना तो वह चढाई कर ही नही सकता है भूप सिंह एक पहाड़ी व्यक्ति है पहाड़ो पर रोज कई कई बार चढना उतरना पड़ता है इसके लिए वह रस्सी या अन्य किसी सामान का सहारा नही लेता है I
भूप ने सबसे पहले वह मलबा हटाया था जो भूखलन के कारण आया है शेला और भूप दोनों ने मिलकर खेतो को ढलवा बनाया ताकि बर्फ उसमे अधिक समय तक जम न पाता था जब खेत तैयार हो गए थे तो उनके सामने पानी की समस्या आई थी अत : उन्होंने झरने का रुख मोड़ने की सोची थी इस तरह से उनके खेतो में पानी की समस्या हल हो सकती है फिर समस्या आई कि गिरते पानी से पहाड़ को केसे काटा जाता था I
हाँ में भी बाल मजदूरो के बारे में सोचता था हमारी कालोनी में बहुत सब्जी बेचने का काम करते थे एक बच्चा तो चायवाले के पास बर्तन धोने का काम करता था उसको देखकर मुझे दया आती थी में
नही चाहता था कि मेरी उम्र का बच्चा पढने के स्थान पर नोकरी करता था I
1. वह एक मेहनती व्यक्ति था फादो पर रहते हुए उन्होंने कभी बाहर काम करने की नही सोची थी उन्होंने अपने निवास स्थान पर ही मेहनत की थी I
2. वह दृढ निश्चय के मालिक थे उन्होंने सरल जिंदगी अपने स्थान पर मुश्किल जिंदगी जी और उससे कभी हार नही मानी थी I
3. वह एक स्वाभिमानी व्यक्ति थे अपने मुश्किल दिनों में उन्होंने किसी के आगे हाथ नही फेलाया बल्कि कठिन परिश्रम किया था I
इस कहानी को पढ़कर मेरे मन में पहाडो की स्त्रियों के लिए दयनीय छवि बनती थी यहाँ की स्त्री मेहनती तथा ईमानदार थे वे अपनी मेहनत से पहाड़ो का रुख मोड़ने की भी हिम्मत रखती थी लेकिन पुरुष के हाथो हार जाती थी शेला भूप सिंह के साथ मिलकर असभव को सभव बना देती थी अंत में अपने पीटीआई के धोखे से हार जाती थी I