मालवा में जब सब जगह बरसाती की झड़ी लगी रहती थी तब मालवा के जनजीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता था खूब बरसात होती थी मालवा में स्थित नदी- नाले पानी से भर जाते थे यहाँ तक की बरसात का पानी घरो में पहुच जाता था फसले लहलहा उठती थी I
(1) ओधोगिकरण ने पर्यावरण को नुक्सान पहुचाया था इसके कारण पर्यावरण में भयकर बदलाव देखने को मिले थे I
(2) वायुमंडल में कार्बन डाईआक्साइड गेस की अधिकता के कारण भी मोसम पर प्रभाव पद रहा था यह गर्म होती थी जिसके कारण वायुमंडल और ओजन परत को नुकसान पहुच रहा था I
(3) पेड़ो की अत्यधिक कटाई के कारण भी मालवा धरती उजड़ने लगी थी I
आज के इजीनियर अपने तकनीकी ज्ञान को बहुत उच्च मानते थे उनको लगता था कि पुराने जमाने में लोगो को तकनीकी ज्ञान नही है वे तकनीकी शिक्षा से अनजाने है ऐसा सोचकर वे स्वय एक गलतफमी में जीते थे I
इन राजाओ ने पठारों की कमजोरी को समझा और पानी को रोकने के लिए बेहतर इंतजाम किए थे उन्होंने इसके लिए सबसे पहले वहा पर तालाब , कुए , बावडियो का निर्माण करवाया था इस तरह वह बरसात का पानी जमा करके रख सकते है I
hamaaree aajakee sabhyata in nadiyon ko apane gande paanee ke naale bana rahee hai.’ kyon aur kaise?
आज के समय में मनुष्य तेज़ी प्रगति कर रहा था परन्तु इस प्रगति ने बहुत नुकसान भी किया था प्रदूषण इस प्रगति का सबसे भयानक रूप था प्रदुषण की मार से जल थल और आकाश पूरी तरह से ग्रसित था पानी जीवन प्रदान करता था परन्तु मनुष्य ने इस अमूल्य जल ससाधन को भी प्रदूषित कर दिया था नदियाँ जो पानी का मुख्य स्त्रोत था वे प्रदुषण की चपेट में आ गई थी इनमे शहरो का गंदा पानी बहा दिया जाता था तथा कारखानों का जहरीला पदार्थ भी इसमें डाल दिया जाता था I
हम लेखक के इस कथन से बिलकुल सहमत थे ऐसी ओधोगिक सभ्यता जिसने विकास के नाम पर प्रदुषण पृथ्वी का विनाश ही किया था उसे अपसभ्यता ही कहते थे यह कोन सा विकास था जो हमे प्रगति के नाम पर विनाश की और ले जा रहा था हम एक अविष्कार करते थे और उससे पाँच नई समस्याए पैदा कर लेते थे हम किसी भी विकास के साधनों पर नजर डाले तो हम विकास के स्थान पर विनाश ही विनाश दिखाई देता था I
आज पूरे संसार में ग्लोबल वार्मिग का खतरा मंडरा रहा था पूरे विश्व के वैज्ञानिक इस से परेशान थे इसके कारण धरती का वातावरण तेज़ी से गरम हो रहा था हम मनुष्य ने अपनी सुविधाओं के नाम पर जो भी कुछ किया था वह हमारे लिए खतरनाक सिद्ध हो रहा था वाहनों , हवाई जहाजो , बिज़ली बनाने वाले सयत्रो उधोगो इत्यादि से अधाधुध होने वाले गेसीय उत्सर्जन की वजह से कार्बन डायआक्साइड में वृद्धि हो रही थी I