निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौंदर्य बताइए-
(क) अविश्रांत बरसा करके भी
आँखें तनिक नहीं रीतीं।
(क) बेटी के पिता की आँखे अपनी बेटी की मृत्यु के दुःख में लगातार रो रोकर भी खाली एक लाचार पिता इस समाज के कड़े नियम के आगे अपनी बेटी को खोकर लगातार उसकी याद में रो रहा है I
(ख) एक पिता अंतिम समय में अपनी बेटी को देख भी नही पाया था उसका अंतिम सस्कार भी न कर सका अपनी बेटी की बुझी चिंता को देखकर उसकी छाती में भी दुःख की ज्वाला धधल उठी थी I
(ग) एक पिता के सामने उसकी बच्ची जो एक पल भी शांत नही बैठती है जिसकी खिखिलाहट से वह पिता रोमाचिंत होता है आज वही बच्ची बीमार होकर अटल शांति को धारण किये हुए पड़ी हुई है I
(घ) बीमार बच्ची का पिता अपनी बेटी की इच्छा पूरी करने के लिए माँ के चरणों का फूल लेने मंदिर में गया है उसका दोष केवल इतना ही है वह अछूत है जिसके कारण उसके कृत्य को अनर्थ माना गया मदिर को अपवित्र करने का दोषी ठहराया था I
NCERT questions are designed to test your understanding of the concepts and theories discussed in the chapter. Here are some tips to help you answer NCERT questions effectively:
Welcome to the NCERT Solutions for Class 9 Hindi - Sparsh - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 2: nimnalikhit panktiyon ka aashay spasht karate hue unaka arth-saundary bataie- (ka) avishraant baras - निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट क....
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