1. अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।’
2. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफेद और सफ़द को स्याह करना होता था।
3. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
4. उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे।
1. गांधीजी के लिए सेवाधर्म का पालन करने इस धरती पर महादेव देसाई गाधीजी के मत्री है वे अपने मित्रो के बीच विनोद में अपने को गांधीजी का हमाल कहने में और कभी कभी अपना परिचय उनके पीर – बावर्ची – मिश्ती – खर के रूप में देने में वे गोरव का अनुभव किया करते है
2. महादेव ने वकालत पढ़ी है जो उनके मिजाज के हिसाब से ठीक नही है इस पेशे में सही गलत और गलत को सही ठहराना होता है I
3. शुक्रतारा आसमान में थोड़ी देर के लिए ही नजर आता था लेकिन सबसे अलग दिखाई पड़ता था वेसे ही महादेव जी भी कुछ समाय ही गांधीजी के साथ रहता था I
4. महादेव जी के द्वारा लिखे गए पत्र जब वाइसराय के पास पहुचते है उसकी लिखावट और बनावट देखकर वाइसराय को यह समझ में नही आता है इनका क्या उत्तर दिया जाता और किस प्रकार दिया जाता था I
NCERT questions are designed to test your understanding of the concepts and theories discussed in the chapter. Here are some tips to help you answer NCERT questions effectively:
Welcome to the NCERT Solutions for Class 9 Hindi - Sparsh - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 3: 1. apana parichay unake ‘peer-baavarchee-bhishtee-khar’ ke roop mein dene mein ve gaurav - 1. अपना परिचय उनके ‘पीर-बावर्ची-भिश....
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