(क) कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?
(ख) ‘माँग मत’, ‘कर शपथ’, ‘लथपथ’ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?
(ग) “एक पत्र-छाँह भी माँग मत’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
(1) कवि ने अग्नि पथ जीवन के कठिनाई भरे रस्ते के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया था उसके अनुसार पूरा जीवन एक आग के रस्ते के समान था I
(2) इन शब्दों के बार बार प्रयोग के द्वारा कवि यह समझाने का प्रयत्न कर रहा था कि जीवन रुपी पथ पर तुझे स्वय ही आगे बढना था किसी से भी मदद नही मागनी थी यदि तू मदद मागेगा तो स्वय ही कमजोर पड जाता था I
(3) कवि का आशय था कि इस जीवन के कठिन रस्ते पर तू लगातार चलता कल रास्ते में आने वाली छाह की तू कामना मत कर केवल अपना कार्य करता रहता था I
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Welcome to the NCERT Solutions for Class 9 Hindi - Sparsh - Chapter . This page offers a step-by-step solution to the specific question from Excercise 1 , Question 1: (ka) kavi ne ‘agni path’ kisake prateek svaroop prayog kiya hai? (kh) ‘maang ma - (क) कवि ने ‘अग्नि पथ’ किसके प्रतीक स....
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