girijakumar-mathurWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=43 AND chapterSlug='girijakumar-mathur' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='43' AND chapterId='1204' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 10 Free NCERT Book Solution for Hindi - Kshitij

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Chapter 7 : Girijakumar Mathur


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Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात इसलिए कही थी क्योकि यही सत्य थे कवि कहते थे कि भूली बिरसी यादे या भविष्य के सपने मनुष्य को दुखी ही करते थे हम यदि जीवन की कठिनायो व दुखी का सामना न कर उनको अनदेखा करने का प्रयास करते थे I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

 प्रसग प्रस्तुत पक्ति प्रसिद्ध कवि गिरिजाकुमार माथुर द्वारा रचित छाया मत छूना नामक कविता से ली गई थी I भाव- भाव यह है बडपन का अहसास महान होने का सुख भी एक छलावा था मनुष्य सदेव प्रभुता व बड़प्पन का अहसास महान होने का सुख भी एक छलावा था मनुष्य सदेव प्रभुता व बड़प्पन के कारण अनेको प्रकार के भ्रम में उलझ जाता था जिससे हज़ारो शकाओ का जन्म होता था I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

छाया मत छुना कविता में छाया शब्द का प्रयोग सुखद अनुभूति के लिए किया था कवि ने मानव की कामनाओ लालसाओ के पीछे भागने की प्रवति को दुखदायी माना था I हम विगत स्म्रतियो के
सहारे नहीं जी सकते हमें वर्तमान में जीना था I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

1. दुःख दूना – यहाँ दुःख दूना शब्द के द्वारा दुःख की अधिकता व्यक्त की गई थी I                    2. जीवित श्रण – यहाँ जीवित शब्द के द्वारा श्रण को चलयमान उसके जीवत होने को दिखाया गया था I
3. सुरंग सुधिया – यहाँ सुरंग शब्द के द्वारा सुधि का रंग बिरगा होना दर्शया गया था I
4. एक रात कृष्णा – यहाँ एक कृष्णा शब्द द्वारा रात की कलिमा अधकार को दर्शया गया था I
5. शरद रात – यहाँ शरद शब्द रात की रागीनी और मोहकता को उजगार कर रहा\ था I
6. रस बसंत – यहाँ रस शब्द बसंत को और अधिक रसीला मनमोहक और मधुर बना रहा था I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

गर्मी की चिलचिलाती धूप में रेत के मैदान दूर पानी की चमक दिखाई देती थी हम वह जाकर देखते थे तो कुछ नहीं मिलता प्रकति के इस भामक रूप को म्रगतृष्णा कहा जाता था I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

क्या हुआ जो खिला फूल रस बसंत जाने पर ? जो न मिला भूल उसे कर तू भविष्य वरण , इन पक्तियों में बीती ताहि बिसार से आगे की सुधि ले का भाव झलकता था I


Exercise 1 ( Page No. : 47 )
Q:
A:

छाया मत छूना कविता में कवि ने मानव की कामनाओं लालसाओ के पीछे भागने की प्रवति को दुखदायी माना था हम विगत स्म्रतियो के सहारे नहीं जी सकते थे हमें वर्तमान में जीना था उन्हें छुकर याद करने से मन में दुःख बढ़ जाता था I