stree-shiksha-ke-virodhee-kutarkon-ka-khandanWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=43 AND chapterSlug='stree-shiksha-ke-virodhee-kutarkon-ka-khandan' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='43' AND chapterId='1212' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
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1. प्राचीन काल में भी स्त्रिया शिक्षा ग्रहण कर सकती है सीता , शकुतला , रुक्मणी, आदि महिलाएं इसका उदाहरण थी वेदों पुराणों में इसका प्रमाण भी मिलता था I
2. भारत में वेद मन्त्र और पदों की रचना से लेकर , व्याखान और करनेवाली सुशिश्रित नारिया थी अत: प्राचीन नारियो को शिक्षा से वचित नही कहा जा सकता था I
3. रुक्मणी द्वारा श्रीकृष्ण को पत्र लिखना नारियो के शिक्षित होने का ही प्रमाण था I
दिवेदिजी ने कुतर्कवादियों की स्त्री शिक्षा विरोधी दलीलों को जोरदार खडन किया था अनर्थ नारियो द्वारा होते थे तों पुरुष भी इसमें पीछे नही थे दूसरा तर्क यह था कि शकुतला का दुष्यंत को कुवचन कहना या अपने परित्याग पर सीता का राम के प्रति क्रोध दर्शाना था तीसरा तर्क व्यग पूण तर्क था स्त्रियो के लिए पढना कालकूट और पुरुषो के लिए पीयूष का घुट पी जाना I
1. नारियो के लिए पढना कालकूट और पुरुषो के लिए पीयूष का घूट ऐसी ही दलीलों और दुष्टातो के आधार पर कुछ लोग नारियो को अपढ़ रखकर भारतवर्ष का गौरव बढ़ाना चाहते थे I
2. नारियो का किया हुआ अनर्थ यदि पढ़ने का परिणाम था तो पुरुषो का किया हुआ अनर्थ भी उनकी विदया और शिक्षा का परिणाम समझना चाहिए था I
3. आर्य पुत्र शाबाश बड़ा अच्छा काम किया था जो मेरे साथ गाधव विवाह करके मुकर गए थे I नीति न्याय सदाचार और धर्म की आप प्रत्यक्ष मूर्ति थी I
पुराने जमाने की नारिया द्वारा प्राकर्त में बोलना उनके अपढ़ होने का प्रमाण नही था क्योकि बोलचाल की भाषा ही है जिस तरह आज हिंदी जन सधारण की भाषा थी यदि हिंदी बोलना और लिखना अपढ़ और अशिक्षित होने का प्रमाण नही था I
हमारी परम्परा वेसे भी काफी पुरानी थी जरुरी नही की हमें सारी बाते अपनानी ही थी जो अपनाने योग्य बाते नही थी हमें वही अपनानी चाहिए जहा तक परपरा का प्रश्न था परपराओ का स्वरूप पहले से बदल गया था प्राचीन परम्पराए कही कही पर स्त्री-पुरुषो में अतर करते है परन्तु आज स्त्री पुरुष का समान था I
पहले की शिक्षा प्रणाली और आज की शिक्षा प्रणाली में बहुत परिवर्तन आया था तब की शिक्षा प्रणाली में नारियो को शिक्षा से वचित रखा जाता है पहले शिक्षा प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को गुरुकुल में रहना जरूरी है परन्तु आज शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदयालय था पहले शिक्षा एक वर्ग तक सीमित है I