sanskrtiWHERE cd.courseId=9 AND cd.subId=43 AND chapterSlug='sanskrti' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='9' AND subId='43' AND chapterId='1214' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
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लेखक की द्रष्टि में सभ्यता और संस्कृति शब्दों का प्रयोग बहुत ही मनमाने ढग से होता था इनके साथ अनेक विशेषण लग जाते थे और इन विशेषण के कारण इन शब्दों की समझ और गडबडा जाती थी I
आग की खोज मानव की सबसे बड़ी आवश्यकता की पूर्ति करती थी आग की खोज के पीछे अनेको कारण हो सकते थे सम्भवत आग की खोज का मुख्य कारण रौशनी की जरूरत पेट की ज्वाला ठण्ड या जानवरों से बचाव ही रहती थी I
न्यूटन ने गुरुत्वाकषर्ण के सिदांत का आविष्कार किया था वह संस्कृत मानव है आज भोतिक विज्ञान के विद्यार्थियों को इस विषय पर न्यूटन से अधिक सभ्य कह सकते थे परन्तु संस्कृत नही कह सकते थे I
1. सुई धागा का आविष्कार शरीर को ढकने तथा सर्दियों में ठंड से बचने के उदेश्य से हुआ था I
2. आवश्यकतानुसार शरीर को सजाने की जरूरत महसूस हुई होगी इसलिए कपड़े के दो टुकडो को एक करके जोड़ने के लिए सुई धागा का आविष्कार हुआ था I
3. शरीर की ठीक प्रकार से रक्षा की जा सके इसलिए भी शयाद सुई धागे की खोज हुई थी I
(क) 1. वर्ण व्यवस्था के नाम पर मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाऍ की जाती थी I
2. धर्म के नाम पर भी मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाऍ की जाती थी जिसका परिणाम हम हिन्दुस्तान तथा पकिस्तान नामक दो देश के रूप में देखते थे I
(ख) मानव संस्कृति ने अपने होने का परिणाम दिया था I 1. सिदार्थ ने अपना घर केवल मानव कल्याण के लिए छोड़ दिया था I
2. जब जापान पर परमाणु बम गिराया गया तब सारी संस्कृतियों ने इसका विरोध किया था I
3. संसार के मजदूरो को सुखी देखने के लिए काल मार्क्स ने अपना सारा जीवन दुःख में बिता दिया था I
मानव हमेशा से ही अपनी सुरक्षा के लिए चितित रहता था इसलिए उसने मानवहित और आत्महित की दृष्टि से अनेको अविष्कार किया था यह अविष्कार जब मानव कल्याण की भावना से जुड़ जाता था तो हम उसे संस्कृति कहते थे ऐसी भावनाओं को हम संस्कृति कदापि नही कह सकते थे I