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Welcome to the Chapter 5 - Kis Tarah Aakhirakaar Main Hindi Mein Aaya, Class 9 Hindi - Kritika NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 5 - Kis Tarah Aakhirakaar Main Hindi Mein Aaya. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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लेखक जिन दिनों बेरोजगार है उन दिनों शायद किसी ने उन्हें कटु बाते की थी जिसे वे बर्दाश्त नही कर पाए थे और दिल्ली चले आए थे I
लेखक को अग्रेजी में कविता लिखने पर अफ़सोस इसलिए रहा था क्योकि वह भारत की जन भाषा नही है इसलिए भारत के लोग यानी उनके लोग उसे समझ नही पाते है I
दिल्ली के उकील आर्ट स्कूल में बच्चनजी लेखक के लिए एक नोट छोड़कर गए है उस नोट में शायद उन्होंने लिखा था कि तुम इलाहबाद आ जाते लेखन में ही तुम्हारा भविष्य निहित था
1. बच्चन का स्वभाव सघर्षशील , परोपकारी फोलादी सकल्पवाला है I
2. बच्चनजी अत्यत कोमल एव सहदय मनुष्य है I
3. बच्चनजी समयके अत्यत पाबन्द होने के साथ साथ कला प्रतिभा के पारखी है I
तेजबहादुर सिंह – ये लेखक के बड़े भाई है ये आर्थिक तंगी के दिनों में उन्हें कुछ रूपये भेजकर उनका सहयोग करते है I
कवि नरेन्द्र शर्मा – कवि नरेन्द्र शर्मा लेखक के मित्र है एक दिन वे लेखक के लिए बच्हन स्टूडियो में आये थे छुट्टी होने के कारण लेखक नही मिल सके थे तब वे उनके नाम एक बहुत अच्छा और प्रेरक नोट छोड़ गए थे I
शारदाचरण उकील – ये कला शिक्षक है इनसे लेखक ने पेंटिग की शिक्षा ली थी I
बच्चन के पिता – जब लेखक इलाहाबाद में आकर बस गया था उन्हें स्थानीय अभिभावक की आवश्यकता है तब हरिवशराय बच्चन के पिता ने उनका अभिभावक बन्ना स्वीकार किया था I
सुमित्रानंदन पंत – हिंदी के सुप्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पत ने लेखक को इडियन प्रेस से अनुवाद का काम दिला दिया था I
ससुराल पक्ष – जिन दिनों विधुर लेखक आजीविका कमाने के लिए सघर्ष कतर रहा है तब ससुराल वालो ने उसे अपनी दुकान पर कम्पाउडरी
का प्रशिक्षण दिया था I
सन 1933 में लेखक की कुछ रचनाए जेसी सरस्वती और चाँद छपी बचपन द्वारा प्रकार की रचना लेखक से करवाई थी बच्चन द्वारा रचित निशा निमत्रण से प्रेरित होकर ने निशा निमत्रण के कवि के प्रति कविता लिखी है निराला जी का ध्यान सरस्वती में छपी कविता पर गया था I
लेखक ने अपने जीवन में प्रारम्भ से ही अनेक कठिनाईयो को झेला था वह किसी के व्यग्य बाण का शिकार होकर केवल पाच सात रुपए लेकर ही दिल्ली चला गया था वह बिना फीस के पेटिग के उकील स्कूल में भर्ती हो गया था उसे साइन बोर्ड पेट करके गुजारा चलाना पडा था लेखक की पत्नी का टी. बी. के कारण देहात हो गया है I
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