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Welcome to the Chapter 2 - Mere Sang Ki Auraten, Class 9 Hindi - Kritika NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 2 - Mere Sang Ki Auraten. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नही है किंतु उनके बारे में सुना अवश्य है उसने सुना है कि उसकी नानी ने अपनी जीवन के अतिम दिनों के प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेट की है उन्होंने यह इच्छा प्रकट की है वे अपनी बेटी की शादी किसी क्रांतिकारी से करवाना चाहती थी I
लेखिका कि नानी आजादी के आंदोलन में प्रत्यक्ष रूप में भले ही भाग नही ले पाई थी परन्तु अप्रत्यक्ष रूप में सदेव इस लड़ाई में सम्मिलित रही थी और इसका मुख्य उदाहरण यही है कि उन्होंने अपनी पुत्री की शादी की जिम्मेदारी अपने पति के स्वतत्रता सेनानी मित्र को दी हैं I
(क) लेखिका की माँ बहुत ही नाजुक सुंदर और स्वतत्र विचारो की महिला है उनमे ईमानदारी निष्पक्षता और सचाई भरी हुई है वे अन्य माताओं की तरह कभी भी अपनी बेटी को अच्छी बुरे की न सीख दी और न खाना पकाकर खिलाया था I
(ख) लेखिका की दादी के घर में कुव्ह लोग जहा अग्रेजियत के दीवाने है वही कुछ लोग भारतीय नेताओ के मुरीद भी है घर में बहुमति होने के बाद भी एकता का बोलबाला है घर में किसी प्रकार की सकिर्नता नही है I
दादाजी एक सामान्य महिला है उनके मन में लड़का लडकी का भेद नही है पीढियों से परिवार में किसी कन्या का जन्म नही हुआ है प्राय सभी लोग लडके की कामना करते है दादीजी को ये भेदभाव शायद चुभता होता था
इस पाठ से स्पष्ट था कि मनुष्य के पास सबसे प्रभावी अस्त था यदि कोई सगा सबधी गलत राह पर हो तो उसे डराने धमकने उपदेश देने या दवाब डालने की जगह सहजता से व्यवहार करना था लेखिका की नानी ने भी यही किया उन्होंने अपने पति की अग्रेज भक्ति का न तो मुखर विरोध किया न समर्थन किया था I
शिक्षा बच्चो का जन्मसिद् अधिकार था लेखिका को यह बात तब पूरी तरह समझ में आ गई थी जब उनके दो बच्चे स्कूल जाने लायक हो गए थे लेखिका कर्नाटक के एक छोटे कस्बे में रहती है उन्होंने वहा के केथोलिक चर्च के विशप से एक स्कूल खोलने का आग्रह किया था I
प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता था कि जो कभी झूठ नही बोलते और सच का साथ देते थे जो किसी की बात को इधर उधर नही करते थे जिनके इरादे मजबूत होते थे जो हीं भावना से ग्रसित नही होते थे I
लेखिका व उनकी बहन एकांत प्रिय स्वभाव की है लेखिका व उनकी बहन के व्यक्तित्व का सबसे खूबसूरत पहलू है वे दोनों ही जिद्दी स्वभाव की है परन्तु इस ज़िद्द से वे हमेशा सही कार्य को ही अंजाम दिया करते है I
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