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Welcome to the Chapter 4 - Maati Waali, Class 9 Hindi - Kritika NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 4 - Maati Waali. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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शहरवासी माटी वाली तथा
उसके कटर को इसलिए जानते थे क्योकि पूरे टिहरी शहर में केवल वही अकेली माटी वाली है उसका कोई प्रतियोगी नही है वही सब घरो में लीपने वाली लाल मिट्टी दिया करती है लाल मिट्टी की सबको जरूरत है इसलिए सभी उसके ग्राहक है I
माटीवाली अपनी आर्थिक और पारिवारिक उलझनों में उलझी निम्न स्तर का जीवन जीने वाली महिला है अपना तथा बुड्ढे का पेट पालना ही उसके सामने सबसे बड़ी समस्या है अपनी इस दिनचर्या को वह नियति मानकर चले जा रहे है I
इस बात का आशय था जब मनुष्य भूखा होता था उस भूख के कारण उसे बासी रोटी भी मीठी लगती थी यदि मनुष्य को भूख न हो तो उसे कुछ भी स्वादिष्ट भोजन या खाने की वस्तु दे दी जाए वह उसमे नुक्स निकाल ही देता था I
पीढियों से चली आ रही धरोधर ही हमारी विरासत थी यह अमूल्य था इसका मूल्य रूपये पैसों में नही आँका जा सकता था इसे सभालकर रखना था कुछ लोग स्वार्थवश इसे ओने पोने दामो में बेच देते थे जो कभी उचित नही था I
माटी वाली रोटियों का हिसाब लगाना उसकी गरीबी और आवश्यकता की मजबूरी को प्रकट करता था वह इस प्रकार की मजदूरी करती थी कि उससे उसका जीवन निर्वाह होना तक कठिन हो जाता था
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गरीब आदमी का श्मशान नही उजडना था इस कथन का आशय यह था कि गरीबो के रहने का आसरा नही छिनना था माटीवाली जब एक दिन मजदूरी करके घर पहुचती थी तो उसके पति की मृत्यु हो चुकी थी अब उसके सामने विस्थापन से ज्यादा पीटीआई के अंतिम सस्कार की चिंता होती थी I
भारत जिस रफ्तार से विकास और आर्थिक लाभ की दोड़ में भाग ले रहा था उसी भागमभाग में शहरों और गाँवों में हाशिए पर रह रहे लोगो को विस्थापन नाम की समस्या को झेलना पड रहा था जो भी थोडा बहुत सामन या अन्य वस्तु उनके पास था वो सब उससे छीन जाता था I
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