मेरा छोटा सा निजी पुस्तकालय - Mera Chhota Sa Nijee Pustakaalay Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Sanchayan

Exercise 1
Q:
A:

जब लेखक की हालत काफी बिगड़ गई थी उनकी साँस बंद नब्ज बंद और धडकन भी बंद हो गई थी तब डाक्टरो ने उन्हें लगभग मृत घोषित कर दिया है इस प्रयोग में लेखक का साठ प्रतिशत हाट सदा के लिए मिटा दिया था I


Q:
A:

अस्पताल से घर आने पर लेखक की यह इच्छा है कि उसको किताबो वाले कमरे में रखा जाता था लेखक ने बचपन में परी कथाओ में सुन रखा है कि राजा के प्राण उसके तोते में बसते थे I


Q:
A:

लेखक को घर में शुरू से ही पढने पढ़ाने का माहोल मिला था उसके घर में नियमित रूप से पत्रिकाए आती है जिनमे मुख्य है वेदोद्म आर्यमित्र साप्ताहिक सरस्वती दो बाल पत्रिकाए खास लेखक के लिए आती है बालसखा और चमचम थी I


Q:
A:

लेखक के घर पर किताबो के नियमित रूप से आने और उसके लिए भी किताबे आने से उसे बचपन में किताबे पढने का शोक लग गया था वह हर समय खिताबो में खोया रहने लगा था I


Q:
A:

लेखक की माँ स्कूली पढाई पर जोर देती है वे चितित रहती है कि लड़का स्कूली किताबे पढ़ता नही था और पास केसे होता था कही साधु बनकर घर से भाग नही जाए I


Q:
A:

लेखक को स्कूल से दो किताबे इनाम में मिली है एक में पक्षियों की जातियों बोलियों उनकी आदतों की जानकारी मिलती थी दूसरी किताब ट्रस्टी द रंग जिसमे पानी की जहाजो की कथाए है कोन कोन से जहाज होते थे कोन कोन से माल आते थे I


Q:
A:

लेखक को किताबे पढने का शोक तो पहले सी ही है जब उसके पिता ने उसको मिली किताबो को देखकर किताबो की अलमारी का एक खाना देते हुए कहा था कि आज से खाना तुम्हारी किताबो का था I


Q:
A:

लेखक अपनी माँ को पूछकर देवदास फिल्म देखने के लिए गया है सिनेमाघर के पास ही किताबो की दुकान है दुकान पर लेखक ने देवदास उपन्यास देखा उपन्यास को देखकर लेखक के मन में लालच आ गया उसने सोचा कि फिल्म तो एक बार में देख लेने के बाद समाप्त हो जाती थी I


Q:
A:

लेखक जब अपने पुस्तक सग्रह पर नजर डालता था उसे अपने चारो और हिन्दी अग्रेजी के उपन्यास सस्मरण , नाटक , कथा इतिहास आदि की किताबे ही दिखाई देती थी जिन्हें देखकर उसे ऐसा लगता था मानो वह इन सभी लेखको से घिरा हुआ था I