भाई के बुलाने पर घर लोटते समय लेखक के मन में पिटाई का डर है I
जब बच्चो की टोली पढने के लिए जाती है उनको रस्ते में एक कुएं के पास से होकर गुजरना पड़ता है जिसमे एक भयकर जहरीला साँप रहता है जिसकी फुकार को सुनने के लिए उसे तंग करने के लिए बच्चे कुएं में ढेला फेकते है I
उपरोक्त कथन से यह पता चलता था कि वह साँप की फुकार से किस प्रकार डर गया है उसे इतना भी याद नही है कि साँप ने फुकारा कि नही उसके कुएं में झुकते ही उसकी टोपी में से सारी चिटीठयाँ गिर गई है I
लेखक के बड़े भाई ने उसे डाकखाने में डालने के लिए चिठ्ठी दी है जो बहुत ही जरुरी है कुएं में अगर गिर जाती और लेखक को अपने बड़े भाई से पिटाई का डर है क्योकि वह अपने बड़े भाई से बहुत डरता है I
साँप का ध्यान बटाने के लिए लेखक ने निम्न युक्तिया अपनाई थी उसने साँप के पास चिठ्ठी को डंडे से उठाना चाहा मगर साँप उस पर फुकार कर आया साँप का स्थान बदलते ही लेखक चिठ्ठी उठा ली फिर उसने डडा उठाने के लिए उस पर मिट्ठी फेकी जिससे साँप का ध्यान फिर भटका और लेखक ने झट से डडा उठा लिया था I
भाई द्वारा दी गई चिठ्ठी लेखक की जरा ना समझी के कारण कुएं में गिर गई है और उन्हें किसी भी हालत में निकालना बहुत ही जरुरी है नही तो घर पर जाकर मार पडती थी इसी दर से लेखक ने उन्हें कुएं में से निकालने का जोखिम भरा निर्णय लिया था I
1. बगीचों और खेतो में जाकर शरारते करना पेड़ो पर चढ़कर फल तोडना था I
2. शरारते करते हुए स्कूल जाना था I
3. जानवरों को तंग करना था I
कोई भी मनुष्य समय के अनुसार भावी योजनाए बनाता था और उसी के अनुसार कार्य भी करता था परन्तु वह योजनाए कभी कभी उल्टी भी पड़ जाती थी जिस कारण मनुष्य जो चाहता था वह नही हो पाता था I
लेखक यह सोचकर कुएं में उतरा है कि या तो उसे साँप काट लेगा था इसलिए भयकर परिणाम की चिंता किए बिना ही वह कुए में उतर गया और अपने उद्देश्य में सफल रहता था I