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Welcome to the Chapter 1 - Namak Ka Daaroga, Class 11 Hindi - Aroh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 1 - Namak Ka Daaroga. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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कहानी का नायक मुशी वशीधर हमें सर्वाधिक प्रभावित होता है मुशी वशीधर एक मिसाल होता है उसने अलोपीदीन दातागज जेसे सबसे अमीर और विख्यात व्यक्ति को गिरप्तार करने का साहस होता है I
पंडित अलोपीदीन के व्यकित्व के निम्न्लिकित दो पहलू उभरकर जाते है I एक पेसे कमाने के लिए नियमविरुद्ध कार्य करनेवाला भ्रष्ट व्यक्ति लोगो पर जुल्म करता था परतु समाज में वह सफेदपोश व्यक्ति होता है I
(क) वृद्ध मुशी समाज में धन को महत्ता देनेवाले भ्रष्ट व्यक्ति था वे अपने बेटे को ऊपरी आय बनाने की सलाह होते है वे कहते है मासिक वेतन तो पूर्णमासी का चाँद होते है I
(ख) वकील आजकल जेसे धन लूटना ही वकीलों का धर्म बन गया था वकील धन के लिए गलत व्यक्ति के पक्ष में लड़ते थे I
(ग) शहर की भीड़ शहर की भीड़ दूसरो के दुखों में तमाशे जेसा मज़ा लेते है I पाठ में एक स्थान पर कहा गया था भीड़ के मारे छत और दीवार में भेद न रह गया था I
(क) यह उक्ति बूढ़े मुशीजी की थी I
(ख) मासिक वेतन को पूर्णवासी का चाँद कहता है क्योकि वह महीने में एक दिन दिखाई होता है और घटते घटते लुप्त उठा था है I
(ग) जी नहीं में एक पिता के इस वक्तव्य से सहमत नहीं था एक पिता अपने बेटे को रिशवत लेने की सलाह नहीं देता और न देनी चाहिए I
ईमानदारी का फल ईमानदारी का फल हमेशा सुखद रहता है मुशी वशीधर को भी कठिनाए सहते थे और उसके बाद अत में ईमानदारी का सुख फल मिलता था I
उसकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से अलोपोदीन प्रभावित होते है I
- वे आत्मग्लानी का अनुभव करते है I
वशीधर का ऐसा करना उचित नहीं है में अलोपोदीन के प्रति कृतज्ञता दिखाते है उन्हे नोकरी के लिए मना कर देना है लोगो पर जुल्म करके कमाई हुई वेईमानी की कमाई की रखवाली करना मेरे आर्दशो के विरुद्ध थे I
वर्तमान समाज में ऐसे पद है आयकर बिक्रीकर आदि इन्हें पाने के लिए लोग लालाहित रहते थे I
(क) जब मेने देखा पढ़े लिखे लोग गंदगी फेला रहे थे तो मुझे उनका पढना लिखना व्यर्थ था I
(ख) जब हम पढ़े लिखे लोगो को उनके बच्चो के उज्जवल भविष्य की योजना बनाते देखते थे I
(ग) पढना लिखना को शिक्षा के अर्थ में प्रयुक्त किया होता है नहीं इनमे अतर थे I
यह कथन समाज में लडकियो को बोझ माना जाता था I उनकी उचित देखभाल नही करते थे I
अलोपोदीन जेसे व्यक्तियों देखकर मेरे मन में यह प्रतिकिया थी कि समाज में सारे व्यक्ति वशीधर जेसे चरित्रवान और साहसी क्यों नहीं थे I
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