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Welcome to the Chapter 6 - Speeti Mein Baarish, Class 11 Hindi - Aroh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 6 - Speeti Mein Baarish. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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उच्चे दरों और कठिन रास्तो में कारण इतिहास में स्पीति का वर्णन कम होता है अलघ्य भूगूल यहा इतिहास में एक बड़ा कारक था यहाँ आवगमसान के साधन नहीं थे यह पर्वत श्रेणीयो से घिरा रहता था साल में आठ नो महीने बर्फ रहती थी I
स्पीति के लोग जीवनयापन के लिए सब प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना होता था स्पीति में साल के आठ नो महीने बर्फ रहती थी कठिनता से तीन चार महीने बसंत ऋतु थी यहाँ न हरियाली थी न पेड़ यह रोजगार के साधन नहीं होते है यह वर्ष में एक बार बाजरा , गेहू , मटर सरसों की फसल होती है I
ब्रोदो के माने मत्र की बहुत महिमा थी ओ मणि प्धो हू इनका बीज मत्र था लेखक के अनुसार पहाडियों में माने का इतना जाप होता है कि यह नाम डालना ही सहज होता था I
ये माने की चोटिया बूढ़े लामाओ के जाप से उदास हो गई थी इस पंक्ति के माध्यम से लेख्कने युवा वर्ग से आग्रह किया था कि देश और दुनिया के मैदानों से और पहाड़ो से युवक युवतिया आए और पहले तो स्वय अपने अहकार को गलाए फिर इन चोटियों के अहकार को चूर करते है I
लेखक के अनुसार स्पीति में वर्षा बहुत कम थी वर्षा के बिना यहाँ की धरती सुखी ठंडी व बजर थी I इसलिए जब कम वर्षा होती है तो लोग इसे अपना सुखद सोभाग्य मानते थे I
स्पीति अन्य पर्वतीय स्थलों से इस प्रकार भिन्न है –
- यहाँ का वातावरण उदास रहता था I
- यहाँ परिवहन व सचार के साधन नहीं थे I
- कठिनता से तीन चार महीने बसंत ऋतु आती थी यहाँ न हरियाली है और न पेड़
- यहाँ वर्ष में एक बार बाजरा , गेहू , मटर सरसों की फसल होती थी I
बारिश का मोसम तपती गर्मी में राहत दिलता था चारो तरफ ख़ुशी का माहोल छा जाता था छोटे बच्चे बारिश में भीगने और खेलने लगते थे तालाब सब भर जाते थे हरियाली से धरती हरी हरी मखमल सी लगने लगती थी I
स्पीति में वातावरण उदास रहता था मैदानों भागो में वातावरण जीवन से भरा हुआ रहता था I
- इसलिए मुझे मैदानी भागो में रहने वाले लोगो का जीवन ज्यादा अच्छा लगता था I
- स्पीति में प्रति किलोमीटर केवल चार व्यक्ति रहते थे मैदानी भागो में जनसख्या बहुत थी I
पूरी यात्रा में स्थान स्थान पर जलपान व् भोजन की व्यवस्था थी इस कठिन चढाई में आप थोडा विश्राम कर चाय , कॉफ़ी पीकर फिर से उसी जोश के साथ आप अपनी यात्रा शुरू कर सकते थे I माता के भवन में पहुचने वाले यात्रियो के लिए जम्मू , कटरा, भवन के आसपास आदि स्थानों पर माँ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की कई धर्मशालाए व् होटले थी जिनमे विश्राम करके आप अपनी यात्रा की थकान को मिटा सकते थे माँ वैष्णो देवी यात्रा शुरुआत कटरा से कर सकते थे कटरा से ही माता के दर्शन के लिए निशुल्क यात्रा पर्ची मिलती थी I
लेखक ने स्पीति की यात्रा लगभग तीस वर्ष पहले की है इन तीस वर्षो में यतायात दूर सचार व्यवस्था तथा रोजगार के साधन आदि में परिवर्तन आता था I
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