Complete NCERT Solutions Guide
Access step-by-step solutions for all NCERT textbook questions
==================>>>1==================>>>2==================>>>3==================>>>4
Welcome to the Chapter 5 - Dharam Ki Aad, Class 9 Hindi - Sparsh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 5 - Dharam Ki Aad. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
Our solutions explain each answer in a simple and comprehensive way, making it easier for students to grasp key topics Dharam Ki Aad and excel in their exams. By going through these Dharam Ki Aad question answers, you can strengthen your foundation and improve your performance in Class 9 Hindi - Sparsh. Whether you’re revising or preparing for tests, this chapter-wise guide will serve as an invaluable resource.
1. आज के इस समाज में कुछ चलते पुरजे लोग अपने नेर्तव और बडप्पन को कायम रखने के लिए समाज के कुछ अनपढ़ व मूर्ख लोगो के उत्साह व शक्ति का धर्म और ईमान के नाम पर गलत उपयोग कर रहे थे I
2. इस देश के कुछ चंद चालाक लोगो ने आम आदमी के दिल में यह बात अच्छी तरह बेठा दी थी कि अपने धर्म व ईमान की रक्षा के ;लिए अपने प्राण तक दे देने के लिए तैयार रहता था I
3. आने वाला समय ऐसे धर्म को नही टिकने देगा जो आपस में एक दूसरे को लड़ाकर अपनी स्वार्थ सिद्ध करने में लगा रहे थे I
4. किसी के धर्म की निंदा करना या उनके धार्मिक कार्यो में टाँग अडाना और एक दूसरे को धर्म के नाम पर लड़ाना था I
5. पाश्चात्य देशो में धनी लोगो गरीब मजदूरो की कमाई ही पड़ते जाते थे और वह उसी के बल से हमेशा ऐसा करते थे कि गरीबो सदा गरीब ही रखा
जाता था I
6. ऐसे लोग उन धार्मिक लोगो से ज्यादा अच्छे जो दिन रात अपने अपने आराध्य की पूजा करते थे और एक दूसरे को लडाते थे I
1. आज देश में धर्म और ईमान के नाम पर होने वाले व्यापार को रोकने के लिए सभी को धर्म से ऊपर उठकर देश के बारे में सोचना था और इन लोगो को कडा जवाब देना ही था I
2. बुधि पर मार के सबंध में लेखक का यह मानना था कि कुछ अपने आप को मसीहा समझने वाले लोग भोली भाली जनता को धर्म के नाम पर डराकर कब्जा करके अपने व्यापार बढ़ाते थे I
3. लेखक के अनुसार धर्म की उपासना के मार्ग में कोई भी रुकावट न होती जिसका मन जिस प्रकार चाहे उसी प्रकार धर्म की भावना को अपने मन में जगावे थे I
4. महात्मा गांधी धर्म को सवत्र स्थान देते थे वे एक पग भी धर्म के बिना चलने के लिए तैयार नही था परन्तु उनकी बात ले उड़ने से पहले प्रत्येक आदमी का कर्तव्य यह था कि वह भली भांति समझ लेता था I
5. सबके कल्याण की द्रष्टि से आपका पूजा पाठ नही देखा जाता था आपकी भलमनसाहत की कसोटी केवल आपका आचरण होता था आपको अपने आचरण को सुधारना पड़ता था I
1. लेखक के अनुसार साधारण और अपनी सोच न रखने वाले व्यक्ति को अच्छे बुरे की पहचान ही नही होती थी वी तो अपने मार्गदर्शक को ही अपना सबकुछ मानता था उसके खे अनुसार ही कार्य करता था I
2. समाज में अपने आप को धर्म को ठेकेदार मानने वाले लोग साधारण जनता को ईश्वरके नाम पर डराते थी फिर अपने आप को ही ईश्वर का प्रतिनिधि बताते हुए है अपने अनुसार
उनसे कर्म करवाते थे I
3. लेखक के अनुसार चालाक लोगो की चालाकी अब ज्यादा दिन तक नही चलेगी थी धर्म के नाम पर अब लोगो को गुमराह नही किया जा सकता था I
4. लेखक के अनुसार अब तो ईश्वर भी लोगो की चालाकी को समझते हुए उनसे कहता था कि तुम भले ही मुझे न मानो पर मेरे नाम पर गंदा व्यापार मत करो मेने तुम्हे मनुष्य बनाकर धरती पर भेजा था I
Join thousands of students who have improved their academic performance with our comprehensive study resources.