Complete NCERT Solutions Guide
Access step-by-step solutions for all NCERT textbook questions
==================>>>1==================>>>2==================>>>3==================>>>4
Welcome to the Chapter 11 - Geet Ageet, Class 9 Hindi - Sparsh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 11 - Geet Ageet. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
Our solutions explain each answer in a simple and comprehensive way, making it easier for students to grasp key topics Geet Ageet and excel in their exams. By going through these Geet Ageet question answers, you can strengthen your foundation and improve your performance in Class 9 Hindi - Sparsh. Whether you’re revising or preparing for tests, this chapter-wise guide will serve as an invaluable resource.
(क) देते स्वर यदि मुझे विधाता , अपने पतझर के सपनों को में भी जग को गीत सुनाता था
(ख) जब शुक्र दल पर बैठकर गाता था तब शुकी निचे घोसले में बैठकर अड़े सेती हुई उसके स्वर को सुनकर अपने मन में प्रसन्न होती थी शुक के गाने का सीधा प्रभाव शुकी के मन पर पड़ता था
(ग) प्रेमी जब साझ ढले आल्हा गाता था दूर अपने घर में बैठी उसकी प्रिया को उसका स्वर बरबस ही खीच लाता था और पेड़ की छाया में छिपकर गीत सुन रही प्रिय का यही मन करता था कि काश में भी अपने प्रिय के गीत की कड़ी होती थी I
(घ) प्रथम छद में कवि ने नदी को मानवीकरण रूप में प्रस्तुत करते हुए उसके बहने को उसके मन की बात के रूप में रखा था उसका मानना था मनो नदी बहते हुए अपने किनारों से बात करती हुई चलती थी वही उसके किनारे पर खिला गुलाब भी मन ही मन यही सोचता था कि यदि मुझे भी स्वर मिलते थे I
(ड) कवि का कहना पशु पक्षियों के द्वारा मानो प्रकति स्वय ही गीत गाती थी गुनगुनाती थी और उनके ही माध्यम से मानो लोगो को अपने संदेश देने की कोशिश करते थे I
(च) मनुष्य को प्रकति हर रूप में अदोलित करती थी चाहे वह नदी का बहना हो झरने को गिरना हो पक्षियों का चहचहना हो या फिर अपने हर भरे रूप में प्रभावित करती थी I
(छ) जो गाया गया था वह गीत था और जिसे गाया जाना था वह अगीत था प्रकति या मनुष्य की भावनाए जब मूर्त रूप में लेती थी वह गीत बन
जाता था I
(ज) गीत अगीत के द्वारा कवि ने यह बताने का प्रयास किया था कि प्रकति में होने वाली हर गटना और हमारे अंदर की भावना और सवेदना किसी न किसी रूप में एक दूसरे को प्रभावित करती थी I
(क) प्रस्तुत पक्तियों में गुलाब भी सोचते हुए कहता था कि यदि मुझे भी स्वर मिल जाते थे में अपने सपनों तथा अपने सुख दुःख को इस दुनिया के सामने शब्द रूप में सबके सामने रखता था I
(ख) जब ऊँची दल पर बैठकर शुक अपने स्वर में गीत गाता था तब ठंडी बसती हवा मिठास के साथ शुकी के अतमन को आल्हादित करती थी I
(ग) प्रस्तुत पक्तियों में एक प्रेमिका अपने प्रिय को आल्हा गाते हुए देखकर अपने मन में यह सोचती थी कि यदि में भी इस गीत की कड़ी होती थी मेरा ह्रदय भी पूरे उत्साह से भर जाता है I
Join thousands of students who have improved their academic performance with our comprehensive study resources.