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Welcome to the Chapter 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra, Class 9 Hindi - Sparsh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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अग्रिम दल का नेर्तव प्रेमचंद कर रहा है I
लेखिका को सागरमाथा नाम आचा लगा क्योकि सागर के पैर नदियाँ थी तो सबसे ऊँची छोटी उसका माथा था I
लेखिका को एक भारी बर्फ का बड़ा फूल पर्वत शिखर पर लहराता था और ध्वज जेसा लगा था I
हिमस्खलन से एक की मृत्यु हुई और चार लोग घयाल हुआ था I
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि एवरेस्ट जेसे महान अभियान में खतरों को और कभी कभी मृत्यु भी आदमी का सहज भाव से स्वीकार करना पडा था I
जलवायु अनुकूलन न होने के कारण रसोई सहायक की मृत्यु हुई थी I
केप – चार 1984 को 79OO मीटर पर साउथ कोल में लगाया गया है I
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिसर यह कह कर दिया था वह बिल्कुल ही नोसिखिया थी और एवरेस्ट उसका पहला अभियान था I
लेखिका की सफलता पर बधाई देते हुए कर्नल खुल्लर ने कहा में तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए माता पिता को बधाई देना चाहता था देश को तुम पर गर्व था I
नजदीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका भोचक्की रह गई थी I
डॉ मीनू मेहता अल्मूनियम सीढियों से अस्थाई पुलों का निर्माण लठो और रस्सियों का उपयोग हुआ था I
तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा था वह एक पर्वतीय लडकी थी I
लेखिका को अपने दल तथा जय और मीनू के साथ चढाई करनी है परन्तु वे लोग पीछे रह गए है उनके पास भारी बोझ है I
लोपसंगने अपनी स्विस छुरी की सहायता से तंबू का रास्ता साफ़ किया था क्योकि तंबू के रस्ते एक बड़ा बर्फ पिंड गिरने से हिमपुज बन गया है I
साउथ कोल केप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढाई की तैयारी करने के लिए खाना कुकिंग गैस कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर इक्टे करता था I
उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल के सदस्यों को पहली बड़ी खुभु हिमपात की स्थ्ति से अवगत करता था उन्होंने यह भी बताया कि उनके दल ने केप एक जो हिमपात के थिक उपर था वहा तक का रास्ता साफ़ कर दिया है I
बर्फ के खड़ो का अव्यवस्थित ढंग से गिरने को हिमपात कहा जाता था हिमपात बर्फ की नदी होती थी ग्लेशियर के बहने से अक्सर बर्फ में हलचल मच जाती थी I
लेखिका रात 12.30 बजे अपनी तम्बू में गहरी नींद में शो रही है तभी एक सख्त चीज़ लेखिका के सिर के पिछले हिस्से से टकराई और वह जाग गई थी वह अत्यत तेज़ गति के साथ और गर्जना के साथ गिरा है I
लेखिका को देखकर की हक्का बक्का रह गया था क्योकि इतनी बर्फीली हवा में निच्चे उतरना जोखिम भरा है I
एवरेस्ट पर चढने के लिए 6 केप बनाए गए है I
1. बेस कैप – यह मुख्य कैप है I
2. कैप -1- यह कैप 6000 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया था I
3. कैप -2 – यह चढाई के रास्ते में है I
4. कैप -3 –इसे ल्होत्से की बर्फीली सीधी ढलान पर लगाया गया है यह रंगीन नायलान से बना था I 5. कैप -4- यह समुद्र तट से 7900 मीटर की ऊँचाई पर है साउथ कोल स्थान पर लगाने के कारण साउथ कोल कैप कहलाया था I
6. शिखर कैप – यह अंतिम कैप है यह एवरेस्ट के ठीक निचे स्थित है I
जब लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तब वहा तेज़ हवा के कारण बर्फ उड़ रही है एवरेस्ट की
चोटी शंकु के आकर की है वहा इतनी भी जगह नही है कि दो व्यक्ति खंडे हो सकते थे I
जब अपने दल के सदस्यों के साथ साउथकोल कैप पहुची थी केवल वह अपने लिए नही सोच रही है बल्कि अपने दल के प्रत्येक सदस्य के लिए सोच रहा है I
यह कथन अभियान दल के नेता कर्नल खुल्लर का था इन शब्दों का उल्लेख उन्होंने शेरपा कुली के मृत्यु के समाचार के बाद कहा है उन्होंने सदस्यों के उत्साहवर्धन करता था अभियान के दोरान होने वाली दुर्घटनाओ को वास्तविकता से परिचित करना था I
इस कथन का आशय था कि हिमपात के कारण बर्फ के खंडो के दबाव से कई बार धरती के धरातल पर दरार पड जाती है यह दरार गहरी और चोडी होती चली जाती थी I
लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचकर घुटनों के बल बैठ कर बर्फ पर अपना माथा लगाया था और चुबन किया था उसके बाद एक लाल कपड़े में माँ दुर्गा का चित्र और हनुमान चालीसा को लपेटा और छोटी सी पूजा करके बर्फ में दबा दिया था I
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