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Welcome to the Chapter 7 - Padd, Class 9 Hindi - Sparsh NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 7 - Padd. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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1. पहले पद में भगवन की तुलना चंदन , बादल , दीपक , मोती तथा स्वामी से की गई थी और भक्त की तुलना पानी चकोर, बाती धागा और दास से की गई थी I
(2) अन्य तुकांत शब्द निम्न प्रकार थे I मोरा – चकोरा, बाती-राती , धागा – सुहागा , दासा – रेदासा
(3) उदहारण : दीपक बाती
मोती धागा
घन मोर
चंद चकोर
स्वामी दास
(4) दूसरे पद कवि ने गरीब निवाजु अपने आराध्य ईश्वर को कहा था जो दीन दुखियो पर दया करने वाला था I
(5) कवि का कहना था कि जिन लोगो को समाज अछूत मानता था जिसके छूने मात्र से ही लोग
अपवित्र हो जाते थे और कुलीन लोग भी उन पर दया नही करते थे I
(6) रेदास जी ने अपने स्वामी को लाल गुसाई गोविंद तथा हरिजी आदि नामो से पुकारा था I
(7) शब्द प्रचलित रूप
मोरा मोर , मयूर बाती बत्ती
चंद चंद , चन्दमा जोति ज्योति बरे जलती है
छत्रु छत्र छोति छूत , छूना
गुसइयाँ गुसाई ,गोसाई
राती रात्रि , रात
धरे धारण करता है
तुही तुम्ही
(क) जिस प्रकार चंदन का लेप लगाने पर सारे अंग सुगधित हो जाते थे ठीक उसी प्रकार ईश्वर की भक्ति पूरे शरीर में समाकर शरीर और मन दोनों को ही पवित्र कर देती थी I
(ख) जिस प्रकार चकोर पक्षी रात भर चंदमा की और टकटकी लगाए देखता रहता था और सुबह होने की प्रतीक्षा करता था ठीक उसी प्रकार भक्त एकटक इश्वर की भक्ति में लीन रहता था I
(ग) कवि प्रभु के प्रति अपनी भक्ति को दीए और बाती की तरह देखता था उसका कहना था
कि जिस प्रकार दिए की बाती जलाकर प्रकाशित करती थी ठीक उसी प्रकार आपकी भक्ति रूपी दिया दिन रात जलकर मुझे अंदर से प्रकाशित करता रहता था I
(घ) कवि प्रभु का आभार प्रकट करते हुए कह रहा था कि आप ही है जो इतनी उदारता दिखा सकते थे आप निडर होकर सभी का कल्याण करने वाले थे I
(ड) कवि का कहना था कि मेरे प्रभु समाज में नीच समझे जाने वाले लोगो को ऊँचा करने वाले अथार्त समाज में सम्मान दिलाने वाले थे ओए ऐसा करते समय वह किसी से भी नही डरने वाले थे I
1. रेदास जी ने पहले पद में कुछ उदाहरण देते हुए ईश्वर और भक्त को एक दूसरे= का पूरक बताया था जेसे :- चंदन और पानी , दीया और बाती, बादल और मोर एक दूसरे के सपर्क में आने पर प्रभावित होते थे I
2. रेदास जी ने दूसरे पद में भगवान का धन्यवाद करते हुए कहा था कि आप ही संसार में सबका कल्याण करने वाले तथा समाज में निम्न समझे जाने लोगो का उदार करने वाले थे I
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