अरब में लशकर को नूह नाम से याद करने का कारण यह था कि एक बार उन्होंने एक जख्मी कुत्त्ते को दुत्कार दिया है इसी कारण उम्र भर रोते रहते है I
लेखक की माँ शाम के समय पेंड़ो से पत्त्ते तोड़ने के लिए मना करते है क्योकि उनका मानना है कि ऐसा करने से पेंड रोते थे और हमे बददुआ देते थे I
गर्मी में ज्यादा गर्मी बेवक्त की बरसाते होती है जलजले सेलाब तूफ़ान और नित नए रोग ये सारे प्रक्रति में आए असतुलन का परिणाम था I
लेखक के घर में कबूतरों ने दो अंडे दे दिए है एक अंडा तो बिल्ली द्वारा तोड़ दिया गया है और दूसरा
अंडा लेखक की माँ के बचाने के कारण टूट गया है जिसके कारण व बहुत दुखी हो गए थे I
लेखक ने ग्वालियर से बम्बई तक अनेक बदलावों को महसूस किया होता है जेसे पहले बड़े बड़े घर आँगन और दालान होते है अब डिब्बे जेसे घरो में लोगो को गुज़ारा करना पड़ता था चारो और इमारते और इमारते ही पाई जाती थी I
डेरा डालने का आशय होता था अस्थाई रूप से बसना आजकल पंक्षियों को अपने घोसले बनाने के लिए उपयुक्त जगह नही मिल पाती थी इसलिए व लोग इमारतो में ही अपना डेरा जमा लेते थे I
shekh ayaaz ke pita apane baajoo par kaala chyonta rengata dekh bhojan chhodakar kyon uth khade hue?
शेख अयाज के पिता बाजू पर कला च्योटा रेगता देख भोजन छोड़ कर उस च्योटे को कुएं पर छोड़ने के लिए उठ खड़े होते है क्योकि उनके अनुसार उस च्योटे को घर से बेघर कर दिया है I
पर्यावरण असतुलित होने का सबसे बड़ा कारण आबादी का बढना था बढती आवास की समस्या से निपटने के लिए मानव ने समुद्र की लहरों तक को सीमित कर दिया जाता था समुद्र के रेतीले तटो को भी मानवो ने नही छोड़ा जाता था वहा पर भी इंसानों ने बस्ती बसा दी है I
लेखक के घर कबूतरों ने घोंसला बना रखा है कबूतर अपने बच्चो की रखवावाली के घर के लिए बार बार लेखक के घर में चले आते है जिससे लेखक का घर और पुस्तालय गंदा होते है I
समुद्र का लगातार सिमटना समुद्र के गुस्से की वजह है कई वर्षो से बड़े बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेलकर उसकी जमीन पर कब्जा करते है और बेचारा समुद्र लगातार अपना स्वरूप छोटा बनाते और सिमटता चला जा रहा है पहले तो उसने अपनी टांगो को समेटा फिर उकडू बैठ गया था I
इन पक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता था कि सभी प्राणियों का निर्माण मिट्ठी से हुआ था और अत में इस मिट्ठी में हमें मिल जाना था अथार्त सभी मनुष्य समान था उनमे भेदभाव करना उचित नही होता था हमें मिलजुलकर आपसी सहमत से अच्छे से रहना होता है I