विरासत में मिली चीजों की बड़ी सभाल इसलिए होती थी क्योकि वे हमारे पूर्वजो व बीते समय की होती थी इनमे हमारा भावनात्मक सबध होता था इसलिए इने अमूल्य माना जाता था I
इस कविता में तोप के विषय में जानकारी मिलती थी कि यह अग्रेजी के समय तोप थी 1857 में उसका प्रयोग शक्तिशाली हथियार के रूप में किया गया है अनगिनत शूरवीरो को मार गिराया गया है क्योकि इसका प्रयोग अग्रेजो द्वारा हुआ है अब इस टॉप को मुहँ बंद करना पडा था I
कंपनी बाग़ में रखी तोप यह शिक्षा देती थी कि आत्याचारी शक्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो पर उसका अंत अवश्य होता था मानव विरोध के सामने उसे हारी माननी पडती थी तोप की तरह चुप होना ही पड़ता था I
यह तोप हमारी विजय और आजादी के प्रतीक के रूप में एक महत्त्व की वस्तु बन गई थी भारत की स्वतत्रता के प्रतीक चिह्न दो बड़े त्यौहार 15 अगस्त और २६ जनवरी गणतत्र दिवस ठस इन दोनों अवसरों पर तोप को चमकाकर कंपनी बाग़ को सजाया जाता था I