बिहारी के दोहे - Bihari Ke Dohe Question Answers: NCERT Class 10 Hindi - Sparsh

Exercise 1
Q:
A:

1. गीष्म के जेठ मास की दोपहर में धूप इतनी तेज होती थी कि सिर पर आने लगती थी जिससे वस्तुओ की छाया छोटी होती जाती थी I

2. बिहारी की नायिका अपने प्रिय को पत्र द्वारा सदेश देना चाहती थी पर कागज पर लिखते समय कपकपी और आसू आ जाते थे नायिका विरह की अग्नि में जल रही थी लिखते समय वह अपने मन की बात बताने में खुद को असमर्थ पाती थी I

3. बिहारी जी के अनुसार भक्ति का सच्चा रूप ह्रदय की सच्चाई में निहित थी बिहारी जी ईश्वर प्राप्ति के लिए धर्म कर्मकांड को दिखावा समझते है माला जपने छापे लगवाना माथे पर तिलक लगवाने से प्रभु नही मिलते थे I

4. कृष्ण जी को अपनी बासुरी बहुत प्रिय थे वे उसे बजाते ही रहते थे गोपियाँ कृष्ण से करने चाहती थी वे कृष्ण को रिझाना चाहती थी उनका ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए मुरली छिपा जाती थी I

5. बिहारी ने बताया थे कि घर में सबकी उपस्थिति में नायक और नायिका इशारो में अपने मन की बात करते थे नायक ने सबकी उपस्थिति में नायिका को इशारा किया था नायिका ने इशारे से मना किया था नायिका के मना करने के तरीके पर नायक रीझ गया था I


Q:
A:

1. इस पक्तिमें कृष्ण के सोन्दर्य का वर्णन किया था कृष्ण के नील शरीर पर पीले रंग के वस्त्र थे वे देखने में ऐसे प्रतीत होते थे मानो नीलमणीथा कि पर्वत पर सुबह का सूर्य जगमगा उठा था I

2. इस पक्ति का आशय ग्रीष्म ऋतु की भीषण गर्मी से पूरा जंगल तपोवन जेसा पवित्र बन गया था सबकी आपसी दुश्मनी समाप्त होता था साँप , हिरण और सिंह सभी गर्मी से बचने के लिए साथ रह रहे थे I

3. इन पक्तियों द्वारा कवि ने बाहरी आडबरो का खडन करके भगवान की सच्ची भक्ति करने पर बल दिया था इसका भाव है कि माला जपने छापे लगवाना माथे पर तिलक लगवाने से एक भी काम नही बनता था कच्चे मन वालो का ह्रदय डोलता रहता था वे ही ऐसा करते थे I वे झूठा प्रदर्शन करके दुनिया को धोखा दे सकते थे I