आत्म परिचय - Aatmparichay Question Answers: NCERT Class 12 Hindi - Aroh

Exercise 1
Q:
A:

संसार के लोगों की भाति कवि को भी अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है तथा सुख – दुःख, हानि – लाभ को झेलते हुए वह अपनी जीवन यात्रा पूरी करता है कवि संसार के प्रति अपने दायित्व को समझता है वह सासारिक कष्टों की ओर ध्यान नहीं रखता है बल्कि वह संसार की चिताओं के प्रति सजग है वह अपनी कविता के माध्यम से संसार को भारहीन और कष्टमुक्त करा रहे है वह मार्ग में आने वाली चुनोतियो और रुखावटो की परवाह नहीं करता है बल्कि अपने कर्तव्य की पूर्ति करता रहता है I


Q:
A:

 जहां पर दाना रहते है वही नादान भी रहते है पक्ति के माध्यम से कवि कहते है कि जहां विलासता एवम उपभोग के साधन रहते है , लोग वही पसन्द करते है मनुष्य सासारिक मायाजाल में उलझ कर जीवनभर भटकता रहता है और वह अपने मोक्ष प्राप्ति के लक्ष्य को भूलता रहता है कवि सत्य की खोज के लिए अहकार को त्याग कर जीवन के सदुपयोग पर बल देता है ताकि मनुष्य जीवन सार्थक बन सके I


Q:
A:

यह और शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है अत: यहा यमक अलकार है इस प्रकार अनेकार्थी शब्द के रूप में प्रयुक्त हुआ है I
(i) पहले और में कवि स्वय को आम आदमी से अलग विशेष भावना प्रधान ब्यक्ति बताता है I
(ii) दूसरे और के प्रयोग में ससार की विशिष्टता को बताया जाता है I                                      (iii) तीसरे और के प्रयोग संसार और कवि में किसी तरह के सबध को नहीं दर्शाने के लिए किया है I


Q:
A:

कवि ने यहा विरोधाभास अलंकार का प्रयोग किया है I इस का आशय यह है कि कवि अपनी शीतल और मधुर आवाज में भी जोश , आत्मविश्वास , साहस , द्रढ़ता जैसी भावना बनाये रखते है ताकि वह लोगो को जागरक्त कर सके I उन उनकी शीतल आवाज में विद्रोह की आग छिपी है I


Q:
A:

पक्षियों के बच्चे दिनभर अपनी माँ की प्रतीक्षा में इस आशा से नीड़ो से इस आशा से नीड़ो से झाकते रहते है कि शाम को लौटते समय वे उनके लिए भोजन लेकर आएगी और उन्हें ममता का मधुर स्पर्श प्रदान करेगी I


Q:
A:

दिन जल्दी – जल्दी ढलता है की आवृति से यह प्रकट होता है कि प्रेम में डूबे और लक्ष्य की तरफ बढने वाले मनुष्य को समय बीतने का पता नहीं चलता I गतव्य का स्मरण पथिक के कदमो में स्फूर्ति भर देता है I