ऊपर दिए गए शब्दों को हम इस प्रकार बोलेंगे
गुस्सा शरण धैर्यपूर्वक टूट जाना एक बार भगवान बुद्ध घृणा शिष्प मुस्कराकर जुड़ जाना दुबारा सतना धैर्य स्वागत इसलिए निर्दयी डाकू अंगुलियों की माला बिना डरे समझ जाना |
1. राघवन अब क्रिकेट खेलता है I
2. सुषमा अब नृत्य सीखती है I
3. अब वे दूध पीते है I
4. अब जवाहर नवोदय विदयालय में पढ़ते है I
1. मेरा काम पूरा हो गया I
2. तुम देर से आए चाय खतम हो गई I
3. नोकर रास्ते में ही रह गया I
4. सभी विद्यार्थी अपनी – अपनी सीट पर बेठ गए I
5. अंजना खुश हो गई I
क. 1. रमेश ने पतंग उड़ाई I
2. मैने हिन्दी सीखी I
3. हमने मिठाई खाई I
ख :
1. मैने चित्र बनाया I
2. उसने कपड़े धोए I
3. सलमा ने चित्र बनाया I
ग :
1. श्रीनिवास आज से छ: बजे स्कूल जाएगा I
2. अखबार आज बारह बजे आएगा I
3. सुनीता आज शाम को नहाएगी I
1. अगुलिमाल एक डाकू था I
2.डाकू को अगुलिमाल इसलिए कहते थे क्योकि वह जिसको भी मारता था उसकी अगुलियो को काटकर अपनी माला में डाल लेता था I
3. महात्मा बुद्ध ने मुसकुराकर उसका स्वागत किया जिसे देखकर अगुलीमाल को गुस्सा आ गया I
4. भगवान बुद्ध ने धेर्यपूर्वक मुस्कुराकर अगुलिमाल स्वागत किया I
5. भगवान बुद्ध ने अगुलिमाल पेड़ की चार पत्तिया तोड़ लाने के लिए कहा I