दशहरा सागर सूर्योदय विवेकानंद कन्याकुमारी मोटर लांच पूर्णिमा संगम सूर्यास्त विशाल मूर्ती चट्टान लहर एक साथ पहुँचना तिरुअनंतपुरम आनंद लेना रामकृष्ण परमहंस याद रखना सिपियाँ आयर शंख राजधानी एक्सप्रेस |
मुश्किल, कठिन - आसान ज्यादा, अधिक - कम पास – दूर उदय - अस्त लहर – तरंग मज़ा - उमंग आरादायक – दिक्कत बैठना – खड़ा होना |
मैं घर जाऊँगा। मैं घर जाऊँगी।
तुम काम करोगे? तुम काम करोगी?
वह घर जाएगी। वह घर जाएगा।
हम घर जाएँगे।
आप काम करोगे? आप घर जाओगे?
वे काम करेंगे। वे घर जाएँगे।
1. सागर समुद्र
2. मुश्किल कठिन
3. सध्या शाम
4. मजा आनद
5. सुखद आरामदायक
1. कन्याकुमारी में तीन सागरों का संगम होता है I
2. हम तिरुंअनतपुराम तक राजधानी एक्सप्रेस से जाएगे I
3. मेरी तो काफी छुटिटयाँ बाकी है I
4. हम लोग मोटर लाच से स्मारक पहुचेगे I
1. देखो मिठाई कम खाना I
2. देखो रात को भोजन कम करना I
3. देखो सभा में कम बोलना I
1. वे चिट्टी लिखेगे I
2. वह साइकिल चलाएगी I
3. हम फिल्म देखेगे I
4. में तेतुगु पढूगी I
5. तुम क्या करोगे I
1. मैसूर का दशहरा देखने के लिए निशा मैसूर जाना चाहती थी I
2. निशा का परिवार कन्याकुमारी राजधानी से जाएगा I
3. शाम से पहले कन्याकुमारी पहुचना इसलिए जरुरी है जिससे की सूर्यास्त देखा जा सके I
4. पूर्णिमा के दिन शाम को कन्याकुमारी में चंद्रमा का उदय और सूर्य का अस्त होना एक साथ देख सकते है I
5. लोग विवेकानद स्मारक मोटर लांच से पहुचते है I