ईश्वरचंद्र विद्यासागर - Eeshvarachandr Vidyaasaagar Question Answers: NCERT Class 6 Hindi - Durva

Exercise 1
Q:
A:

यह सभी शब्द पाठ में आए हुए है। इनकी मात्राओं और ध्वनियों में अंतर है। जिसका ज्ञान इनको बोलने व उच्चारण के समय होता है।

क) ईश्वरचंद     विद्यासागर     मिदनापुर     युवक      सूटकेश   

स्टेशन       पोशाक        कुर्ता         धोती      धन्यवाद 

शर्म         भूल          चप्पल       जनाब      माफी

समापन      विद्वान       समाज       सुधारक     सदा

मौजूद       बैलगाड़ी       इज्जत       समझ      स्वयं

 

ख) यह सभी शब्द एक दूसरे के समानार्थी हैं। इनमें एक शब्द सामान्य बोल चाल में इस्तेमाल होता है और एक शब्द शुद्ध हिंदी का रूप हैं।

 प्रसिद्ध मशहूर     माफी क्षमा       पाठ पाठक 

सम्मान आदर      खुद स्वयं        विचार विचारक

गुस्सा क्रोध        अजीब विचित्र     सुधार सुधारक 



Q:
A:

1. प्रचार प्रचारक
2. विचार विचारक
3. उद्धार उद्धारक


Q:
A:

1. में ही मोहन हू I
2. में ही शीला हू I
3. में ही राघवन हू I
4. में ही पीटर हू I
5. में ही साधना हू I


Q:
A:

क)
1. श्री निवास जी बिस्तर पर लेटे है I                                                                              2. माता जी कार के पास खड़ी है I
3. बंदर छत पर बेठा है I
4. कुछ बच्चे भी वहां खड़े है I
5. तुम यहाँ क्यों बैठे हो I

ख)
1. वूटन पहले से दरवाजे पर खड़ा था I
2. सना पहले से कुर्सी पर बैठी थी I
3. चंचल पहले से चापाई पर लेटा था I
4. अक्षय पहले से पेड़ के नीचे बेठा था I
5. घना पहले से पेड़ के नीचे खड़ी थी I

ग)
1. फूलवाली वहा खड़ी हुई है I
2. सब्जीवाला गली में खड़ा है I
3. दूधवाला दरवाजे पर खड़ा है I
4. बस गली में खड़ी है I                                                                                                5. रूपा लाइन में खड़ी होती है I


Q:
A:

1. बीस तारीख को शुक्रवार है I
2. रविवार को एक तारीख है I
3. पच्चीस तारीख को बुधवार है I
4. सोमवार की तीस तारीख है I
5. दूसरा शनिवार चोदह तारीख को है I


Q:
A:

1. ईश्वरचंद विद्यासागर प्रसिद्ध विद्वान और समाज सुधारक थे I

2. कुली न देखकर युवक ने कहा यह अजीब स्टेशन है यहा एक भी कुली नही है I

3. युवक सातान उठाने वाला और कोई नही प्रसिद्ध विद्वान और समाज सुधारक ईश्वरचंद विद्यासागर थे I

4. युवक पैसा देने लगा तो आदमी उस आदमी ने कहा कि मुझे पैसे नही चाहिए I

5. अंत में युवक को यही सीख मिली की कोई भी काम बड़ा या छोटा नही होता I