दुःख का अधिकार - Duhkh Ka Adhikaar Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Sparsh

Exercise 1
Q:
A:

किसी की पोशाक को देखकर हमे समाज में उसके अधिकार और दर्जे का पता चलता था


Q:
A:

खरबूजे बेचने वाली स्त्री से को खरबूजे इसलिए नही खरीद रहा है क्योकि मुहँ छिपाए सिर को घुटनों पर रख फफक फफककर रो रहे है I


Q:
A:

उस स्त्री को देखकर लेखक लेखक के मन में एक व्यथा सी उठी और वो उसके रोने का कारण जाने का उपाय सोचने लगा था I


Q:
A:

उस स्त्री के लडके की मोंत खेत के पके खरबूजे चुनते समय साँप के काटने से हो गयी थी I


Q:
A:

बुढिया के परिवार में एकमात्र कमाने वाला बेटा मर गया है ऐसे में पेसे वापस न मिलने के डर के कारण कोई उसे उधार नही देता था I


Exercise 2
Q:
A:

मनुष्य के जीवन में पोशाक मात्र एक शरीर ढकने का साधन नही था बल्कि समाज में उसका दर्जा निश्चित करता था पोशाक से मनुष्य की हेसियत पद तथा समाज में उसके स्थान का पता चलता था I


Q:
A:

पोशाक हमारे लिए बधन और अडचन तब बन जाती थी जब हम अपने से कम दर्जे या कम पेसे वाले व्यक्ति के साथ उसके दुःख बाँटने की इच्छा रखते थे


Q:
A:

लेखक की पोशाक रोने का कारण जान पाने की बीच अडचन है वह फुटपाथ पर बैठकर उससे पूछ नही सकता है I


Q:
A:

भगवाना शहर के पास डेढ़ बीघा जमीन में कछीयारी करके परिवार का निर्वाह करता है I


Q:
A:

बुढिया बहुत गरीब है लडके की मृत्यु पर घर में जो कुछ है सब कुछ खर्च हो गया था लडके के छोटे छोटे बच्चे भूख से परेशान है


Q:
A:

लेखक को बुढिया के दुःख को देखकर अपने पडोस की महिला की याद इसलिए आई क्योकि उसके बेटे का भी देहात हुआ है वह दोनों के दुखों के तुलना करना चाहता है I


Exercise 3
Q:
A:

बाज़ार के लोग खरबूजे बेचने वाली स्त्री के बारे में तरह तरह की बाते कह रहे है कोई उसकी नीयत को दोष दे रहा है कोई कमीनी कोई रोटी के टुकड़े पर जान देने वाली कहता था I


Q:
A:

पास पडोस दूकान से पूछने पर लेखक को पता चला कि बुढिया का जवान बेटा सांप के काटने से मर गया था वह परिवार में एकमात्र कमाने वाला है I


Q:
A:

लडके की मृत्यु होने पर बुढिया पागल सी हो गयी थी वह जो कर सकते है उसके किया है वह ओझा को बुला लायी थी झाड़ना फूकना हुआ था I


Q:
A:

लेखक उस पुत्र वियोगिनी के दुःख का अदाजा लगाने के लिए पिछले साल अपने पडोस में पुत्र मृत्यु से दुखी माता की बात सोचने लगा था जिसके पास दुःख प्रकट करने का अधिकार था अवसर दोनों है I


Q:
A:

इस पाठ का शीर्षक दुःख का अधिकार पूरी तरह से सार्थक सिद्ध होता था क्योकि यह अभिव्यक्त करता था कि दुःख प्रकट करने का आदिकार व्यक्ति की परिस्थति क्र अनुसार होता था I


Exercise 4
Q:
A:

यहाँ लेखक ने पोशाक की तुलना वायु की लहरों से की थी जिस प्रकार पतंग के कट जाने पर वायु की लहरे उसे कुछ समय के लिए उड़ाती रहती थी I


Q:
A:

इस वाक्य में गरीबी पर चोट की गई थी गरीबो को कमाने के लिए रोज घर से निकलना पड़ता था परन्तु लोग कहते थे उनके लिए रिश्ते नाते कोई मायने नही रखते थे I


Q:
A:

शोक करने गम मनाने के लिए सहूलियत होती थी यह व्यग अमीरी पर है क्योकि अमीर लोगो के
पास दुःख मनाने का समय सुविधा दोनों होती थी इसके लिए वह दुःख मनाने का दिखावा भी कर पाता था I