1. रामन भावुक प्रकति प्रेमी के अलावा एक वैज्ञानिक की भी जिज्ञासा रखते है I
2. समुद्र को देखकर रामन के मन में दो जिज्ञासाए उठी कि समुद्र के पानी का रंग नीला ही क्यों होता था कोई और क्यों नही होता था I
3. रामन के पिता ने उसमे गणित और भोतिकी की सशक्त नीव डाली थी I
4. रामन वाद्यत्रो की ध्वनियो के द्वारा उनके कपन के पीछे छिपे रहस्य की परते खोलना चाहता है I
5. सरकारी नोकरी छोड़ने के पीछे रामन की भावना है कि वह पढाई करके विश्वविद्यालय के शिक्षक बनकर अध्ययन करने में अपना पूरा समय लगाते थे I
6. रामन की खोज के पीछे सवाल आखिर समुद्रके रंग नीला ही क्यों था हिलोरे ले रहा है I
7. प्रकाश तरंगो के बारे में आइस्टाइन ने बताया था प्रकाश अति सूक्ष्म कणों की तीव धारा के समान थी I
8. रामन की खोज के पदार्थो के अणुओं और परमाणुओ के बारे में खोज के अध्ययन को सहज बनाया जाता था I
1. कॉलेज के दिनों में रामन की दिली इच्छा है कि वे नए नए वैज्ञानिक प्रयोग करते थे पूरा जीवन शोधकार्यो लगा देता है उसका मन और दिमाग विज्ञान के रहस्यों को सुलझाने के लिए बेचेंन रहता है I
2. रामन ने देशी और विदेशी दोनों प्रकार के वाधयत्रो का अध्ययन कर इस तोड़ने की कोशिश करता था I
3. रामन भारत सरकार के वित विभाग में अफसर है एक दिन प्रसिद्ध शिक्षा शास्त्री सर आशुतोष मूखर्जी ने रामन से नोकरी छोड़कर कलकता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह किया था I
4. सर चन्द्शेकर वेकट रामन को समय समय पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था 1924 में रॉयल सोसायटी की सदस्यता प्रदान की ठगी 1929 में उन्हें सर की उपाधि
दी गई है I
5. रामन को समय समय पर मिलने वाले पुरस्कारों ने भारतीय चेतना को जाग्रत करता था इनमे से अधिकाश पुरस्कार विदेशी है अग्रेजो की गुलामी के दोर में एक भारतीय वैज्ञानिक को इतना सम्मान दिए जाने से भारत को आत्मविश्वास और आत्मसम्मान मिला और लोगो को प्रेरणा दी थी I
1. रामन के समय में शोधकार्य करने के लिए परिस्थतिया बिल्कुल विपरीत थी वे सरकारी नोकरी भी करते है जिस कारण समय का अभाव रहता है I
2. जब एक वर्णीय प्रकाश की किरण किसी तरल या ठोस रवेदार पदार्थ से गुजरती थी तो उसके वर्ण में परिवर्तन आ जाता था दोनों स्थित्तियो में रंग में बदलाव आता था I
3. रामन प्रभाव की खोज से विज्ञान के श्रेत्र में अनेक कार्य सभव हो सकते थे विभिन्न पदार्थो के अणुओ और परमाणु की आतरिक सरचना का अध्ययन सहज हो जाता था I
4. सर चन्द्रशेखर वेकट रामन ने देश को वैज्ञानिक द्रष्टि और चितन प्रदान करने में अत्यत महत्वपूर्ण योगदान दिया था उन्होंने सरकारी नोकरी छोड़कर वैज्ञानिक कार्यो के लिए जीवन समर्पित कर दिया था I
5. सर चन्द्रशेखर वेंकट रामन के जीवन से हमे सदेव आगे बढते रहने का संदेश देता था रामन ने संदेश दिया था कि हमें अपने आसपास घट रही विभिन्न प्राकतिक घटनाओं की छानबीन वैज्ञानिक द्रष्टि से करनी है I
1. जब हर आशुतोष मुखर्जी ने रामन से नोकरी छोड़कर कलकता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर का पद लेने के लिए आग्रह करता था तब उन्होंने यह सघर्ष स्वीकार किया था जबकि वे तनखाव्ह और सुख सुविधाओ वाले पद पर कार्यरत है I
2. हमारे आस पास के वातावरण में अनेक प्रकार की चीज़े मोजूद थी जिनके रहस्य अभी तक अनसुलझे थे वो भी किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश जो उनको वैज्ञानिक द्रष्टि से देख सकते थे I
3. डॉ रामन सरकारी नोकरी करते हुए भी बहू बाजार स्थित प्रयोगशाला जाते है उस प्रयोगशाला में कामचलाऊ उपकरणों तथा इच्छाशक्ति द्वारा अपने शोध कार्यो को सपन्न करते है I