अग्नि पथ - Agni Path Question Answers: NCERT Class 9 Hindi - Sparsh

Exercise 1
Q:
A:

(1) कवि ने अग्नि पथ जीवन के कठिनाई भरे रस्ते के प्रतीक के रूप में प्रयोग किया था उसके अनुसार पूरा जीवन एक आग के रस्ते के समान था I

(2) इन शब्दों के बार बार प्रयोग के द्वारा कवि यह समझाने का प्रयत्न कर रहा था कि जीवन रुपी पथ पर तुझे स्वय ही आगे बढना था किसी से भी मदद नही मागनी थी यदि तू मदद मागेगा तो स्वय ही कमजोर पड जाता था I

(3) कवि का आशय था कि इस जीवन के कठिन रस्ते पर तू लगातार चलता कल रास्ते में आने वाली छाह की तू कामना मत कर केवल अपना कार्य करता रहता था I


Q:
A:

(1) कवि का कहना था इस जीवन के अग्निपथ पर तू निडर होकर चल और न तू कभी थकना न ही कभी पीछे मुड़कर देखना था कि मेने क्या कोय क्या पाया था I

(2) कवि के अनुसार अपने कठिन जीवन पथ पर मनुष्य आंसू पसीने और खून से लथपथ होकर आगे बढ़ रहा था और निरंतर बढ़ रहा था I


Q:
A:

कविता का मूलभाव यही था कि सभी लोगो को कह रहा था जीवन के अग्नि रूपी कठिन मार्ग पर तुम्हे अकेले ही चलना था किसी से भी मदद नही मागनी थी और न ही रुकना था I