soor-ke-padWHERE cd.courseId=12 AND cd.subId=23 AND chapterSlug='soor-ke-pad' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='12' AND subId='23' AND chapterId='1303' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED)
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माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को बताया की दूध पीने से उनकी चोटी बलराम भैया की तरह हो जाती थी श्री कृष्ण अपनी चोटी बलराम जी की चोटी की तरह मोटी और बड़ी करना चाहते है इस लोभ के कारण वे दूध पीने के लिए तैयार हुए थे I
श्रीकृष्ण अपनी चोटी के विषय में सोच रहे है कि उनकी चोटी भी बलराम भैया की तरह लम्बी मोटी हो जाती फिर वह नागिन जेसे लहराती है I
दूध की तुलना में श्रीकृष्ण को माखन – रोटी अधिक पसंद करते थे I
ten hee poot anokhau jaayau’ – panktiyon mein gvaalan ke man ke kaun-se bhaav mukharit ho rahe hain?
ते ही पूत अनोखी जायो – पक्तियों में ग्वालन के मन में यशोदा के लिए कृष्ण जेसा पुत्र पाने पर ईष्यो की भावना व कृष्ण के उनका माखन चुराने पर क्रोध के भाव मुखरित हो रहे थे इसलिए वह यशोदा माता को उलाहना दे रहे थे I
श्रीकृष्ण को माखन ऊँचे टंगे से चुराने में दिक्कत होती है इसलिए माखन गिर जाता है तथा चुराते समय वे आधा माखन खुद खाते थे व आधा अपने सखाओं को खिलाते थे जिसके कारण जगह – जगह पर गिर जाता था I
दोनों पदों में प्रथम पद सबसे अच्छा लगता था क्योकि यहा बाल स्वभाववश प्राय : श्रीकृष्ण दूध पीने में आनाकानी किया करते है तब एक दिन माना यशोदा ने प्रलोभन दिया कि कान्हा तू नित्य कच्चा दूध पिया कर इस से तेरी चोटी दाऊ जेसी मोटी व लम्बी हो जाती भैया के कहने पर कान्हा दूध पिने लगा था अधिक समय बीतने पर श्रीकृष्ण अपने बालपन के कारण माता से अनुनय विनय करते थे उनकी माता से उनकी नाराजगी व्यक्त करना था दूध न पीने का हट करना था बलराम भैया की तरह चोटी पाने की हट करना था ह्दय को बड़ा आनद देता था I
दूसरे पद को पढ़कर लगता था कि उस समय श्रीकृष्ण की उम्र चार से सात साल रही होगी तभी उनके छोटे छोटे हाथो से सावधानी बरतने पर भी माखन बिखर जाता है I