chiththiyon-kee-anoothee-duniyaWHERE cd.courseId=12 AND cd.subId=23 AND chapterSlug='chiththiyon-kee-anoothee-duniya' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='12' AND subId='23' AND chapterId='1293' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 8 Free NCERT Book Solution for Hindi - Vasant

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Chapter 5 : Chiththiyon Kee Anoothee Duniya


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Exercise 1 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

पत्र जेसा संतोष फोन या एसएमएस का संदेश नही दे सकता था क्योकि फोन , एसएमएस द्वारा केवल कामकाजी बातो को सक्षिप्त रूप से व्यक्त कर सकते थे पत्रों द्वारा हम अपने मनोभावो को खुलकर व्यक्त कर सकता था पत्रों से आत्मीयता झलकती थी इन्हें अनुसधान का विषय भी बनाया जा सकता था I


Exercise 1 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

1. खत – उर्दू
2. कागद – कन्नड़
3. उत्तरम् – तेलूगु                                                                                                    4. जाबू – तेलूगु
5. लेख – तेलूगु
6. कडिद – तमिल
7. पाती – हिन्दी
8. चिठ्ठी – हिन्दी
9. पत्र – संस्कृत


Exercise 1 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

पत्र लेखन की कला को विकसित करने के लिए दुनिया के सभी देशो द्वारा पाठ्यक्रमो में पत्र लेखन का विषय शामिल किया गया था विश्व डाक सघ की और से 16 वर्ष से कम आयुवर्ग के बच्चो के लिए पत्र लेखन प्रतियोगिताए आयोजित करने का कार्यक्रम सन 1972 से शुरु किया गया था I


Exercise 1 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

पत्र व्यक्ति की स्वय की हस्तलिपि में होते थे जो की प्रियजन को अधिक सवेदित करते थे हम जितने चाहे उतने पत्रों को धरोहर के रूप में समेट कर रख सकते थे जबकि एसएमएस को मोबाइल में सहेज कर रखने की श्रमता ज्यादा समय तक नही होती थी एसएमएस को जल्द ही भुला दिया जाता था I


Exercise 1 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

पत्रों का चलन न कभी कम हुआ है न कभी कम होता था चिठठीयो की जगह कोई नही ले सकता था पत्र लेखन एक साहित्यक कला थी परन्तु फेक्स , ई-मेल , टेलीफ़ोन तथा मोबाइल जेसे तकनीकी माध्यम केवल काम – काज के श्रेत्र में महत्वपूर्ण था I


Exercise 2 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

बिना टिकट सादे लिफाफे पर सही पता लिखकर पत्र बेरंग भोजने पर पत्र को पाने वाले व्यक्ति को टिकट की धनराशि जुर्माने के रूप में देनी थी I


Exercise 2 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

पिन कोड किसी खास श्रेत्र को सबोधित करता था कि यह पत्र किस राज्य के किस श्रेत्र का था इसके साथ व्यक्ति का नाम और नंबर आदि भी लिखना पड़ता था पिन कोड का पूरा रूप था पोस्टल इडेक्स नंबर यह 6 अंको का होता था I


Exercise 2 ( Page No. : 27 )
Q:
A:

महात्मा गांधी को दुनिया भर में पत्र महात्मा गांधी इडिया पता लिखकर आते है क्योकि महात्मा गांधी – इंडिया पता लिखकर आते है क्योकि महात्मा गांधी अपने समय के सर्वाधिक लोकप्रिय व प्रसिद्ध व्यक्ति है वे भारत गौरव है गांधी जी देश के किस भाग में रह रहे थे यह देशवासियों को पता रहता है I