bus-ki-yatraWHERE cd.courseId=12 AND cd.subId=23 AND chapterSlug='bus-ki-yatra' and status=1SELECT ex_no,page_number,question,question_no,id,chapter,solution FROM question_mgmt as q WHERE courseId='12' AND subId='23' AND chapterId='1291' AND ex_no!=0 AND status=1 ORDER BY ex_no,CAST(question_no AS UNSIGNED) CBSE Class 8 Free NCERT Book Solution for Hindi - Vasant

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Chapter 3 : Bus Ki Yatra


At Saralstudy, we are providing you with the solution of Class 8 Hindi - Vasant Bus Ki Yatra according to the latest NCERT (CBSE) Book guidelines prepared by expert teachers. Here we are trying to give you a detailed answer to the questions of the entire topic of this chapter so that you can get more marks in your examinations by preparing the answers based on this lesson. We are trying our best to give you detailed answers to all the questions of all the topics of Class 8 Hindi - Vasant Bus Ki Yatra so that you can prepare for the exam according to your own pace and your speed.

Exercise 1 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

लेखक के मन में बस कंपनी के हिस्सेदार साहब के लिए श्रद्धा इसलिए जाग गई थी कि वह टायर की जगह से परिचित होने के बावजूद भी बस को चलाने का साहस जुटा रहा है कंपनी का हिस्सेदार अपनी पुरानी बस की खूब तारीफ़ कर रहा है I


Exercise 1 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

लोगो ने लेखक को यह सलाह इसलिए दी क्योकि वे जानते है की बस की हालत बहुत खराब थे बस का कोई भरोसा नही था कि यह कब और कहा रुक जाते शाम बीतते ही रात हो जाती थी और रात
रास्ते में कहा बितानी पड़ जाए कुछ पता नही रहता था उनके अनुसार यह बस डाकिन की तरह था I


Exercise 1 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

जब बस चालक ने इंजन स्टार्ट किया था तब सारी बस झनझनाने लगी थी लेखक को ऐसा प्रतीत हुआ था कि पूरी बस ही इंजन था मानो वह बस के भीतर न बैठकर इंजन के भीतर बेठा हुआ था I


Exercise 1 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

बस की वर्तमान जगह देखते हुए इस प्रकार का आश्चर्य व्यक्त करना स्वाभाविक है देखने से लग नही रहा है कि बस चलती भी होगी परन्तु जब लेखक ने बस के हिस्सेदार से पूछा था तो उसने कहा चलेगी ही नही अपने आप चलती थी I


Exercise 1 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

बस की जजर अवस्था से लेखक को ऐसा महसूस हो रहा है कि बस की स्टीयरिंग कही भी टूट सकती थी तथा ब्रेक फेल हो सकता था ऐसे में लेखक को डर लग रहा है कि कही उसकी बस किसी पेड़ से टकरा न जाता था एक पेड़ निकल जाने पर वह दूसरे पेड़ का इंतजार करता है कि बस कही इस पेड़ से न टकरा जाता था I


Exercise 2 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

सविनय अवज्ञा आदोंलन महात्मा गाँधी के नेतर्त्व में 1930 अग्रेजी सरकार से असहयोग करने तथा पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त करने के लिए किया गया है I


Exercise 2 ( Page No. : 17 )
Q:
A:

सविनय अवज्ञा आदोलन 1930 में से सरकारी आदेशो का पालन न करने के लिए किया है इसमें अग्रेजी सरकार के साथ सहयोग न करने की भावना है I