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Welcome to the Chapter 18 - Topee, Class 8 Hindi - Vasant NCERT Solutions page. Here, we provide detailed question answers for Chapter 18 - Topee. The page is designed to help students gain a thorough understanding of the concepts related to natural resources, their classification, and sustainable development.
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गवरइया और गवरा के बीच आदमी के वस्त्र पहनने को लेकर बहस हुई थी गवरइया वस्त्र पहनने के पक्ष में है तथा गवरा का कहना है कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता था कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती खूबसूरती ढँक जाती थी I
टोपी बनवाने के लिए गवरइया धुनिया बुनकर और दर्जी के पास गया था धुनिया के पास रुई धुनवा कर वह उसे लेकर कोरी के पास जा पहुची थी उसे कोरी से कतवा लिया था कपड़े को लेकर दर्जी के पास गया था I
गवरइया की टोपी पर दर्जी ने पाँच फुदने लगाए थे क्योकि दर्जी को वाजिब मजदूरी मिली है जिससे वह खुश है दर्जी राजा और उसके सेवको के कपड़े सिलता है जो उसे बेगारकरवाते है I
सफलता के लिए उत्साह आवश्यक था कहा भी गया था कि मन के हारे हार थी मन के जीते जीत उत्साह से ही हमारे मन में किसी भी कार्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती थी यदिहम किसी भी कार्य को बेगान से करेगे तो निश्चय ही हमे उस कार्य में पूर्णतया सफलता नही मिलती थी I
टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने पहुची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुंह से अपनी बड़ाई सुन चुकी है लेकिन राजा से उसकी बहस हुई ही नही है फिर भी वह राजा को चुनोती देने को पहुची थी क्योकि गवरा ने बहस के दोरान कहा है कि टोपी मात्र राजा ही पहनता था यह बात उससे अच्छी नही लगी है I
अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यव हार सामान्य होता था और सर्वप्रथम वे राजा काकाम करते थे क्योकि उनका काम ज्यादा है I
चारो ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम किया था क्योकि उन लोगो को काम की वा जिब मजदूरी मिली है जिससे वे सब खुश थे I
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