कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहते है क्योकि -
1.आत्मकथा लिखने के लिए अपने मन की दुर्बलताओ कमियों का उलेख करना पड़ता था I
2. जीवन में बहुत सारी पीड़ादायक घटनाए हुई थी उन्हें याद करने से घाव फिर से हरे हो थे है I
3. कवि अपने व्यक्तिगत अनुभवो को दुनिया के समक्ष व्यक्त नहीं करना चाहता था I
1. कवि का जीवन दुःख और अभावो से भरा रहा था मुश्किल से कवि को अपनी पुरानी वेदना से मुक्ति मिली थी I
2. कवि को ऐसा लगता है कि अभी ऐसी कोई उपलब्दी नहीं मिली थी जिसे वे लोगो के सामने प्रेरणा रख सकते है I
(क) कवि कहना चाहता था किजिस प्रेम के कवि सपने देख रहे है वो उन्हें कवि प्राप्त नहीं हुआ था कवि ने जिस सुख की कल्पना की है वह उसे कभी प्राप्त न हुआ था और उसका जीवन हमेशा उस सुख से वचित ही रहता था I
(ख) कवि अपनी प्रेयसी के सोदर्य का वर्णन करते हुए कहता था कि प्रेममयी भोर वेलाभी अपनी मधुर लालिमा उसके गालो सेलिया करते है I
कवि यह कहना चाहता था कि अपनी प्रेयसी के साथ चादनी रातो में बिताए गए वे सुख दायक श्रण किसी उज्जवल गाथा की तरह ही पवित्र थी जो कवि के लिए अपने अन्धकारमय जीवन में आगे बढ़ने का एकमात्र सहारा बनकर रह गया था I
प्रस्तुत कविता में कवि ने खड़ी बोली हिंदी भाषा का प्रयोग किया था – यह लो करते ही रहते थे अप[न व्यग्य मलिन उपहास I अपने मनोभावों को व्यक्त कर उसमे सजीवता लाने के लिए कवि ने ललित सुंदर एव नवीन बिबो का प्रयोग किया था जेसे जिसके अरुण कपोलो की मतवाली सुन्दर छाया में I अलकारो के प्रयोग से काव्य सोदर्य बढ़ गया था –
- खिल खिलाकर आते आते में पुनरुक्ति अलकार कसा प्रयोग किया था I
- अरुण कपोलो में रूपक अलकार था I
- मेरी मोन अनुरागी उषा में अनुप्रास अलकार था I
कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा है उसे वह अपनी प्रेयसी नायिका के माध्यम से व्यक्त किया था कवि कहता था कि नायिका स्वप्न में उसके पास आते जाते मुस्कुरा कर भाग गई थी कवि कहते है कि जिस प्रेम के कवि सपने देख रहे है वो उन्हें कभी प्राप्त नहीं हुआ है I