कवि ने बादल से फुहार रिमझिम या बरसने के लिए नही कहता था गरजने के लिए कहते थे क्योकि कवि बादलो को क्रांति का सूत्रधार मानता था गरजना विद्रोह का प्रतीक होता था I
कवि क्रांति लाने के लिए लोगो को उत्साह करना चाहते थे बादलो में भीषण गति होती थी उसी से वह संसार के ताप हरता था कवि ऐसी ही गति ऐसी ही भावना और शक्ति चाहता था I
1. जल बरसाने वाली शक्ति थी I 2. बादल पीड़ित प्यासे जन की आकाक्षा को पूरा करने वाला था I
3. बादल कवि में उत्साह और सघर्ष भर कविता में नया जीवन लाने में सकिय था I
1. घेर घेर घोर गगन धाराधर ओ I
2. ललित ललित काले घुघराले , बाल कल्पना के – से पाले
3. विदयुत छवि उर में कविता की इन पक्तियों में नाद सोदर्य मोजूद था I अट नहीं रही है