लेखिका के जीवन पर दो लोगो का विशेष प्रभाव पडा था – पिता का प्रभाव – लेखिका के जीवन पर पिताजी का ऐसा प्रभाव पडा कि वे हीन भावना से ग्रसित होती थी इसी के परिमाण स्वरूप उनमे आत्मविश्वास की भी कमी हो गई है पिता के द्वारा ही उनमे देश प्रेम की भावना का भी निर्माण हुआ है I
भटियारखाना शब्द भटी से बना था यहाँ पर प्रतिभाशाली लोग नही जाते थे लेखिका के पिता का मानना है रसोई के काम में लग जाने के कारण लड़कियो की श्रमता और प्रतिभाशाली लोग नही जाते थे लेखिका के पिता का मानना है रसोई के काम में लग जाने के कारण लडकियों की श्रमता और प्रतिभा नष्ट हो जाती है वे पकाने खाने तक ही सीमित रह जाती थी I
एक बार कॉलेज से प्रिंसिपल का पत्र आया कि लेखिका के पिताजी आकर मिले और बताए की लेखिका की गतिविधियों के खिलाफ क्यों न अनुशासनात्मक कार्यवाही करते थे पत्र पढकर पिताजी गुस्से से भन्नाते हुए कॉलेज गए थे इससे लेखिका बहुत भयवीत हो गई थी
1. लेखिका के पिता लडकी की शादी जल्दी करने के पक्ष में है लेकिन लेखिका जीवन की आकाशक्षओ को पुन्र करना चाहती है I 2. पिताजी का लेखिका की माँ के साथ अच्छा व्यवहार नही है अपनी माँ के प्रति ऐसा व्यवहार लेखिका को उनके पिताजी की ज्यादती लगती है I
3. यधपि उसके पिताजी भी देश के स्थितियो के प्रति जागरूख है I वे शिक्षा के विरुद्ध नही ह परन्तु लेखिका खुले विचारों की महिला है इस बात पर लेखिका की उनसे\ वैचारिक टकराहट हो जाती है I
1942-47 का समय स्वत्रंता – आन्दोलन का समय है हर एक युवा पुरे जोश खरोश से इस आन्दोलन में बढ़ चढ़क हिस्सा ले रहे है ऐसे में लेखिका मन्नू भडारी ने भी आन्दोलन का अभिन्न हिस्सा बनकर अपनी सक्रिय भूमिका निभाई थी I