लेखक के भाई पहले से ही गाँधी जी को देखने के लिए एक निश्रित स्थान पर आते है उन्होंने लेखक से कहा है कि गाँधी जी से मिलने के लिए उन्हें सुबह 7 बजे ही वहा आना था क्योकि गाँधी जी हमेशा वही से गुजरते है सुबह सात बजते ही दोनों भाई गाँधी जी से मिलने के लिए भागते थे वहा पहुच जाते थे I
जवाहरलाल नेहरु , गाँधी जी , यास्सेर अराफत , पृथ्वीसिंह आजाद , मीरा बेन , खान अब्दुल गफ्फार खान राजेन्द्र बाब कस्तरबा गाँधी यर सभी लोग सेवाग्राम में आए है I
गाँधी जी ने जब रोगी बालक को देखा था उन्होंने उसके पेट पर हाथ फेरा और उसकी उल्टी करने को कहा था जब वह उल्टी कर रहा है गाँधी जी उसके पीठ को हाथ फेर कर सहला रहे है थोड़ी ही देर में बालक की तबीयत ठीक हो गई थी I
कश्मीर के लोगो ने अलग अलग फूलो की मालाओं के साथ नेहरु जी का स्वागत किया है I
अखबार वाली घटना के माध्यम से हमे नेहरु जी के व्यक्तिव में सहनशीलता मितभाषी और शालीनता मितभाषी और शालीनता के होने का पता चलता था अखबार वाली घटना यह थी कि लेखक नेहरु जी के पढ़े हुए अखबार वाली घटना यह था कि लेखक नेहरु जी के पढ़े हुए अखबार को पढ़ रहा है लेखक ने ऐसा इसलिए किया क्योकि उसको लगा कि नेहरु जी उससे अखबार वापास मागे थे I
1. अराफत बड़े ही प्रेम के साथ सभी से शहद का शरबत पीने को कह रहे है I
2. उनका आतिथ्य प्रेम इतना है कि वह सभी को अनूठा फल खिला रहे है और शहद की चटनी के बारे में भी बता रहे है I
अराफत ने बोला गाँधी जी बस आपके नेता नही है वह हम सभी के नेता थे अराफत ने यह कहकर गाँधी जी के व्यक्तित्व को दर्शाया था गाँधी जी ने प्रभावित होकर अन्य लोगो ने भी उनकी शिक्षा को अपनाया और उनसे ही कई नेताओं ने अहिसावाद के बारे में जाना था I